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कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करकचतुर्थी (करवा-चौथ) व्रत करने का विधान है। इस व्रत की विशेषता यह है कि केवल सौभाग्यवती स्त्रियों को ही यह व्रत करने का अधिकार है। स्त्री किसी भी आयु, जाति, वर्ण, संप्रदाय की हो, सबको इस व्रत को करने का अधिकार है। जो सौभाग्यवती (सुहागिन) स्त्रियाँ अपने पति की आयु, स्वास्थ्य व सौभाग्य की कामना करती हैं वे यह व्रत रखती हैं।
यह व्रत 12 वर्ष तक अथवा 16 वर्ष तक लगातार हर वर्ष किया जाता है। अवधि पूरी होने के पश्चात इस व्रत का उद्यापन (उपसंहार) किया जाता है। जो सुहागिन स्त्रियाँ आजीवन रखना चाहें वे जीवनभर इस व्रत को कर सकती हैं। इस व्रत के समान सौभाग्यदायक व्रत अन्य कोई दूसरा नहीं है। अतः सुहागिन स्त्रियाँ अपने सुहाग की रक्षार्थ इस व्रत का सतत पालन करें।
भारत देश में वैसे तो चौथ माता जी के कही मंदिर स्थित है, लेकिन सबसे प्राचीन एवं सबसे अधिक ख्याति प्राप्त मंदिर राजस्थान राज्य के सवाई माधोपुर जिले के चौथ का बरवाड़ा गाँव में स्थित है। चौथ माता के नाम पर इस गाँव का नाम बरवाड़ा से चौथ का बरवाड़ा पड़ गया। चौथ माता मंदिर की स्थापना महाराजा भीमसिंह चौहान ने की थी।
पूजन हेतु निम्न मंत्र बोलें-
'ॐ शिवायै नमः' से पार्वती का, 'ॐ नमः शिवाय' से शिव का, 'ॐ षण्मुखाय नमः' से स्वामी कार्तिकेय का, 'ॐ गणेशाय नमः' से गणेश का तथा 'ॐ सोमाय नमः' से चंद्रमा का पूजन करें।
19 अक्टूबर को सुहागिनों का त्योहार करवाचौथ है। इस दिन सुहागिनें अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। पति की लंबी उम्र और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए इस दिन चंद्रमा की पूजा की जाती है। चंद्रमा के साथ- साथ भगवान शिव, पार्वती जी, श्री गणेश और कार्तिकेय की पूजा भी की जाती है।
यूं तो करवा चौथ की कई कथाएं प्रचलित हैं लेकिन ऐसी मान्यता है कि ये परंपरा देवताओं के समय से चली आ रही है। नतीजा ये रहा कि युद्ध में सभी देव विजयी हुए और इसके बाद ही सभी देव पत्नियों ने अपना व्रत खोला। उस दिन कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी थी और आकाश में चंद्रमा निकल आया था।
करवा चौथ का व्रत कार्तिक कृष्ण मास की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है. इस साल यह तिथि 24 अक्टूबर को है।
24 अक्टूबर, रविवार को सुबह 3 बजकर 1 मिनट से चतुर्थी तिथि प्रारंभ होगी और 25 अक्टूबर को सुबह 5 बजकर 43 मिनट पर चतुर्थी तिथि समाप्त होगी। करवा चौथ के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त 24 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 43 मिनट से 6 बजकर 59 मिनट तक रहेगा।
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