myjyotish

6386786122

   whatsapp

6386786122

Whatsup
  • Login

  • Cart

  • wallet

    Wallet

विज्ञापन
विज्ञापन
Home ›   Blogs Hindi ›   karwa chauth chandramaa shubh muhurat puja vidhi significance

जानिए करवा चौथ पर चंद्रमा निकलने का समय, शुभ मुहूर्त व पूजा विधि

My jyotish expert Updated 18 Oct 2021 05:14 PM IST
Karwa chauth
Karwa chauth - फोटो : google
विज्ञापन
विज्ञापन
हिंदू धर्म में करवा चौथ सुहागन स्त्रियों के लिए बहुत ही विशेष महत्व रखता है। इस दिन सुहागिनें पति की दीर्घायु व सुखी वैवाहिक जीनव की कामना करते हुए निर्जला (बिना पानी के) व्रत रखती हैं। हर सुहागिन स्त्री के लिए इस दिन का बेसब्री से इंतजार होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवाचौथ का व्रत किया जाता है। इस साल करवा चौथ व्रत 24 अक्टूबर दिन रविवार को पड़ रहा है। इस दिन महिलाएं रात्रि में चंद्रमा को अर्घ्य देने के पश्चात व्रत का पारण करती हैं। इस बार करवाचौथ का व्रत बेहद खास होने वाला है क्योंकि इस वर्ष करवा चौथ पर शुभ संयोग बन रहा है। तो चलिए जानते हैं कि करवा चौथ पर क्या है शुभ संयोग और क्या है चांद का समय व पूजा विधि।

आसानी से देखिए अपनी जन्म कुंडली मुफ़्त में, यहाँ क्लिक करें

करवा चौथ पर बन रहा है ये शुभ संयोग-

इस बार करवा चौथ पर शुभ संयोग बनने के कारण इसका महत्व और भी अधिक बढ़ जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार करवा चौथ पर चंद्रमा रोहिणी नक्षत्र में उदित होगा। धार्मिक दृष्टि से यह नक्षत्र बेहद ही शुभ माना जाता है। इस नक्षत्र के स्वामी चंद्रमा हैं इसलिए माना जाता है कि इस नक्षत्र में चंद्रमा दर्शन करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है।

करवा चौथ चंद्रमा निकलने का समय व शुभ मुहूर्त-

इस बार करवा चौथ को यानी 24 अक्टूबर को चंद्रमा निकलने के समय रात्रि 08 बजकर 07 मिनट रहेगा। 

कार्तिक मास की चतुर्थी तिथि आरंभ- 24 अक्टूबर 2021 रविवार को सुबह 03 बजकर 01 मिनट से 
कार्तिक मास की चतुर्थी तिथि  समाप्त- 25 अक्टूबर 2021 को सुबह 05 बजकर 43 मिनट पर 
पूजन का समय- 24 अक्टूबर शाम 05 बजकर 42 मिनट से शाम 06 बजकर 59 मिनट तक

कुल मिलाकर पूजा की अवधि 01 घंटा 17 मिनट की रहेगी।
शुभ मुहूर्त में पूजन करने के बाद रात्रि में चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण करें।

पूजन विधि-

इस दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर अपने घर की परंपरा के अनुसार सरगी में बनी हुई चीजें खानी चाहिए।

स्नानादि करने के पश्चात मंदिर में दीपक प्रज्वलित करके व्रत का संकल्प लें और निर्जला उपवास करें।

शुभ मुहूर्त में देवी-देवताओं की तस्वीर स्थापित करें और पूजन व कथा पढ़ें।

चंद्रमा निकलने से पहले ही एक थाली में धूप-दीप, रोली, पुष्प, फल, मिष्ठान आदि रख लें।

टोटी वाले एक लोटे में अर्घ्य देने के लिए जल भर लें व मिट्टी के बने करवा में चावल भरकर उसमें दक्षिणा के रुप में कुछ पैसे रख दें।

एक थाली में श्रंगार का सामान भी रख लें।

चंद्रमा निकलने के बाद चंद्र दर्शन व पूजन करें और चंद्रमा को अर्घ्य दें।

जल पीकर व्रत का पारण करें व अपने घर के सभी बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद लें।

जीवन के संकटों से बचने हेतु जाने अपने ग्रहों की चाल, देखें जन्म कुंडली

दरिद्रता से मुक्ति के लिए ज़रूरी है अपने ग्रह-नक्षत्रों की जानकारी, देखिए अपनी जन्म कुंडली मुफ़्त में

आपके स्वभाव से लेकर भविष्य तक का हाल बताएगी आपकी जन्म कुंडली, देखिए यहाँ


 
  • 100% Authentic
  • Payment Protection
  • Privacy Protection
  • Help & Support
विज्ञापन
विज्ञापन


फ्री टूल्स

विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms and Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।

Agree
X