काल सर्प योग निश्चित रूप से एक हानिकारक दोष है जो हमें गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकता है। अन्य ग्रहों की स्थितियों के अनुसार अलग-अलग लोगों के अलग-अलग अनुभव होतें है । हालाँकि, आप अपने जीवन में निम्न समस्या का अनुभव कर सकते हैं यदि आप इस कुख्यात योग के प्रभाव में हैं।
मान्यताओं के अनुसार , कालसर्प दोष किसी भी व्यक्ति की कुंडली में तब बनता जब यदि उसने जाने - अनजाने में अपने पूर्व जन्म में सर्प के प्राण हरें हो। उसके द्वारा किए उस पाप के अशुभ फल के कारण ही उसे अपने वर्त्तमान जीवन में इस दोष का भार उठाना पड़ता है।
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काल सर्प योग के प्रभाव : -
- आपके काम में देरी होगी।
- अपने न्यूनतम स्तर पर मानसिक शांति का आभाव होगा।
- आत्मविश्वास में कमी और हीन भावना का विकास होता है।
- शारीरिक एवं स्वास्थ्य समस्याएं परेशानी का कारण बनती है।
- नौकरी, प्रोफेशन, करियर या व्यवसाय में बाधाएं आती है।
- अवांछित चिंताओं से मन परेशान रहता है।
- दुखी विवाहित जीवन का सामना करना पड़ता है।
- गुप्त शत्रु, लूट और छल जैसे कारण शांति पहुचातें है।
- परिवार और दोस्तों से असहयोग रहता है।
काल सर्प दोष पूजा - नागवासुकि मंदिर , प्रयागराज
काल सर्प योग के उपाय :
- नाग - नागिन के चित्र का विधि - विधान से पूजनकर जल में प्रवाहित करना चाहिए।
- साबुत नारियल को मौली से बांधकर पूजे तथा उसे जल में बहा दे।
- नागपंचमी पर विशेष रूप से नाग - नागिन की पूजा करनी आवश्यक होती है इसलिए इस दिन यदि कोई व्यक्ति नाग - नागिन के जोड़े को खरीद कर वन में उन्हें स्वतंत्र करें , तो उसकी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
- नागपंचमी के दिन मंदिर में पूजने हेतु नाग का दान करना चाहिए।
- नागपंचमी के दिन अपने वजन अनुसार करें कोयले का दान ।
- शिव मंदिर की सफाई कर का विधि - विधान से महादेव का पूजन करना चाहिए।
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