काल भैरव जंयती 2020 तिथि
7 दिसंबर 2020
काल भैरव 2020 शुभ मुहूर्त
अष्टमी तिथि प्रारंभ - शाम 6 बजकर 47 मिनट से (7 दिसंबर 2020 )
अष्टमी तिथि समाप्त - अगले दिन शाम 5 बजकर 17 मिनट तक (8 दिसंबर 2020 )
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काल भैरव जंयती का महत्व
मार्गशीष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि काल भैरव जयंती मनाई जाती है। पुराणों के अनुसार इसी दिन भगवान काल भैरव का जन्म हुआ था। इसी कारण से इस दिन को काल भैरव अष्टमी और काल भैरव जयंती के नाम से भी जाना जाता है। भगवान काल भैरव को शिवजी का रौद्र रूप माना जाता है। माना जाता है कि जो भी व्यक्ति काल भैरव जयंती के दिन काल भैरव की विधिवत श्रद्धा से पूजा करता है। उसे सभी प्रकार की सिद्धियां प्राप्त होती है।
काल भैरव को तंत्र का देवता भी माना जाता है। इसी कारण से इस दिन काल भैरव की पूजा से भूत,प्रेत और ऊपरी बाधा जैसी समस्याएं भी समाप्त होती है। काल भैरव जयंती के दिन कुत्ते की पूजा का विशेष महत्व है। क्योंकि काले कुत्ते को भैरव बाबा का ही प्रतीक माना जाता है। इस दिन काले कुत्ते को दूध पिलाने से काल भैरव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। भगवान काल भैरव का हथियार दंड है।इसी कारण से इन्हें पापियों को दंड देने वाला देवता माना जाता है।
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