एक ऐसा फूल जो दिलायेगा आपको आपका मनचाहा प्यार
प्यार हर कोई पाना चाहता है, लेकिन प्यार किसे मिलेगा और किसे नहीं कई बार यह व्यक्ति की किस्मत में क्या लिखा है उस पर भी निर्भर करता है। यदि आप सिंगल है और प्यार पाना चाहते है तो आज का यह लेख आपके लिए है। आज हम आपको बतायेंगे की कैसे एक फूल आपको जीवन में आपका प्यार दिलवा सकता है। एक फूल के मात्र कुछ उपाय और फिर आपके जीवन में बस प्यार की ही खुशबू महकेगी। आईये जानते है क्या है वह उपाय और कौन सा है वह फूल
इस फूल के बारे में सभी जानते है शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो जिसने इस फूल का नाम प्यार से ना जोड़ा हो, जी हां आप बिल्कुल सही सोच रहे है हम गुलाब के फूल के बारे में ही बात कर रहे है। गुलाब का फूल एक ऐसा फूल है जिसका नाम सुनते ही सबसे पहला ख्याल प्रेम से संबंधित आता है। गुलाब के फूल कई रंगों में पायें जाते है जैसे की काला, सफेद, पीला, लाल आदि इन सब में लाल रंग का गुलाब सबसे प्रसिद्ध गुलाब है। हर रंग के गुलाब का अपना अलग महत्तव होता है जैसे की दोस्ती के लिए पीले रंग के गुलाब दिये जाते है। अगर किसी को किसी से प्रेम का इज़हार करना होता है तो लाल रंग का गुलाब देते है। पारिजात और रंजनीगंधा के फूल भी गुलाब से कम नही है यह भी व्यक्ति को उसका प्यार दिलाने में बहुत उपयोगी होते है जानते है कैसे
जन्मकुंडली ज्योतिषीय क्षेत्रों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है
वास्तु और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार व्यक्ति को हमेशा अपने पास एक सुगंधित फूल रखना चाहिए। घर मे एक कांच की कटोरी में पानी भरकर एक सुगंधित फूल रखने से घर में हमेशा ताज़गी भरा माहौल बना रहता है।
यदि आप किसी से प्यार करते है और आपको आपका मन चाहा प्यार नहीं मिल रहा है तो आप अपने कमरे मे रजनीगंधा के फूल रखें। यह फूल प्रेम के अद्भुद प्रतीक मानें जाते है कहते है इनके उपयोग से व्यक्ति को उसका मनचाहा प्यार मिल जाता है।
जिस भी व्यक्ति के प्यार में रुकावटें आ रही है उसे शुक्रवार के दिन देवी लक्ष्मी को दो गुलाब के फूल अर्पित करने चाहिए। इससे उस व्यक्ति को उसके प्यार में सफलता मिलेगी।
पारिजात जिसे हारश्रंगार के नाम से भी जाना जाता है। कहते है की इसके फूलों को कमरें में रखने से मनचाहा प्यार मिलता है। इतना ही नहीं यदि इसका पौधा घर के आस-पास लगाया जायें तो वह घर के सभी वास्तु दोषों से भी मुक्ति दिला देता है।
शनि अमावस्या के दिन कैसे करें शनि देव की पूजा जिससे हो जायें वह प्रसन्न
हिंदू धर्म में हर माह के कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथी को अमावस्या कहते है। जिस भी महीने में अमावस्या शनिवार के दिन पड़ती है उसे शनि अमावस्या कहते है। वैशाख माह हिंदू धर्म का सबसे पवि़त्र माह माना जाता है। इस बार की अमावस्या का महत्तव और भी बढ़ जाता है क्योंकि यह अमावस्या वैशाख माह की अमावस्या है जो की शनिवार के दिन पड़ रही है और यह अपने आप में एक अद्भुद संयोग है। इस बार शनि अमावस्या 30 अप्रैल को मनाई जायेगी। मान्यता है कि शनि अमावस्या के दिन न्याय के देवता शनिदेव की पूजा करके उनको प्रसन्न किया जा सकता है और इस दिन शनिदेव से जुड़े उपायों को करने से अनेक प्रकार के शनि दोषों से भी मुक्ति मिल सकती है। शनि अमावस्या के दिन शनि देव कि उपासना करने के लिए इस दिन जगह जगह बढ़े बढ़े आयोजन भी किये जाते है। आज हम आपको कुछ ऐसे उपाय बतायेंगे जिनको करने से कहते है की शनि दोष, शनि की साढेसाती जैसे दुषप्रभावों से राहत पायी जा सकती है। आइयें जानते है क्या है वह उपाय
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यदि आप शनि के प्रकोप से मुक्ति चाहते है तो शनि अमावस्या के दिन स्नान कर पीपल के पेड़ की पूजा करें। पीपल के पेड़ की पूजा के लिए एक थाली में काले तिल, लोहे की कील, मिट्टी का दिया और सरसों का तेल आदि रख लें। अब सबसे पहले पीपल के पेड़ के चारों ओर कलावा बांधे और उसके बाद पूजा की अन्य सामग्री जैसे की तिल, सरसों आदि अर्पित करें और उसके बाद सरसों के तेल का दीपक जलायें। कहते है की शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए पीपल के पेड़ की पूजा करना सबसे उत्तम है।
शनिदेव न्याय के देवता है, वह व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल देते है इसलिए सभी उनसे डरते है। लेकिन जिन्हें शनिदेव की कृपा प्राप्त हो जाती है फिर कोई उनका कुछ बुरा नही कर पाता है। यदि आप भी चाहते की आपको भी शनिदेव की कृपा प्राप्त हो और आपको कोई मुसिबत छु भी ना पायें तो उसके लिए शनिदेव को प्रसन्न करें। उन्हें प्रसन्न करनें का सबसे आसान रास्ता है की उनकी उपासना और आराधना करें।
इस शनि अमावस्या के दिन शनि मंदिर जाकर शनिदेव को काले तिल और सरसों का तेल अर्पित करें और उसके बाद शनि चालिसा का पाठ करें। साथ ही इस दिन गुड़ से बनी चीज़ोॆ का दान करें कहते है ऐसा करने से शनि की साढेसाती के प्रकोप से राहत मिलती है।
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