लग्न के स्वामी शुक्र लग्न में हैं और मिथुन राशि में शक्तिशाली राहु और बुध उपस्थित हैं। चूंकि इस समय भारत के शत्रुभाव पर वक्री शनि की दृष्टि है, इसलिए किसी भी परिस्थिति में भारत के शत्रु का पराभव होना तय है। शनि इस राशि में अप्रैल, 2022 तक रहेंगे। अत: भारत के शत्रुओं को पीड़ा बनी रहेगी।
उधर चंद्र महादशा में शनि अंतर्दशा चल रही है, जो कि जुलाई, 2021 तक रहेगी। भाग्य के स्वामी शनि की अंतर्दशा भारत का भाग्य बढ़ाने का काम करेगी। इसका सीधा सा अर्थ है कि कोरोना से तो विजय पाएंगे ही, आर्थिक स्थितियों पर भी नियंत्रण पा लेंगे और अंतरराष्ट्रीय राजनय में भारत अत्यधिक सफल रहेगा।
भारत सरकार की स्थिरता बनी रहेगी। आंतरिक और बाह्य शत्रुओं का नाश होगा और सरकार की प्रतिष्ठा घटने के बजाय बढ़ेगी।