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ज्योतिष शास्त्र में विवाह व वैवाहिक जीवन का महत्व

My Jyotish Expert Updated 20 Feb 2020 01:11 PM IST
Importance of marriage and married life in astrology
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विवाह हर व्यक्ति के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है । यह एक ऐसा सफर है जहां से दो लोगों को साथ मिलकर अपना आगे का जीवन व्यतीत करना होता है । विवाह केवल दो लोगों का नहीं परंतु दो परिवारों का रिश्ता माना गया है । विवाह को मानव जीवन में एक ऐसा स्थान दिया गया है जो कि अटूट माना गया है । हिंदू धर्म में विवाह के आठ प्रकार माने जाते हैं जो ब्राहम, देव, आर्ष, प्रजापत्य, असुर, गंधर्व, राक्षस और पैशाच्य ।


विवाह और भाग्य

कहा जाता है कि भाग्य का विवाह पर बहुत असर होता है । यदि आपके भाग्य के योग शुभ हों तो जीवन भी मंगलमय होता है और यदि इसमें दोष हो तो जीवन की रेखा कभी सीधे मार्ग पर आगे नहीं बढ़ती । ऐसे कई दोष हैं जो आपको जीवन की खुशियों से दूर कर सकते हैं, आज उनके उपाय खोजे जा चुके हैं। ज्योतिषाचार्यों की सिद्धि व ज्ञान से अब मनुष्य के जीवन में आ रहीं बाधाओं व कष्टों को सरलता से समाप्त किया जा सकता है ।

शादी मे विलम्ब के कारण व समाधान

बहुत बार ऐसा होता है की शादी होने में देरी व शादी के बाद संबंध विच्छेद हो जाने के कारण जीवन मे बहुत उथल-पुथल मच जाती है । यह सब ग्रहों के फेर के कारण होता है ।आपकी कुडंली का सातवा घर यह बताता है कि आपकी शादी किस उम्र में होगी । भारतीय संस्कृति के 16 संस्कारों में से विवाह एक अहम संस्कार माना गया है ।

ग्रहों के खेल से कैसे आती है विवाह मे बाधा

अगर दशा व अंतर्दशा विवाह के लिए जरुरी है तो गोचर के ग्रहों के बारे में जानना भी आवश्यक होता है । जिसके लिए सबसे पहले शनि और गुरू की मंजूरी होनी चाहिए । जब कुडंली के सातवें स्थान में लग्न के साथ गुरु व शनि के स्थान बनते हैं, चाहे वह स्थिति द्वारा बने हों चाहे दृष्टि द्वारा,उनके निर्माण से ही कुंडली मे विवाह योग बनते हैं।

किन ग्रहों से शादी के विघ्न होते हैं दूर

शुक्र, बुध, गुरू व चन्द्र ग्रह विवाह के लिए शुभ माने जाते हैं । अगर इनमें से एक भी ग्रह कुडंली में हो तो विवाह मे कभी बाधा नहीं आती ।इन ग्रहों के कुडंली में रहने से 24-25 वर्ष की आयु तक विवाह सम्पन्न हो जाता है । अगर आपकी कुडंली मे कोई भी ऐसा ग्रह है जैसे की राहु,केतु जिसका प्रभाव शुक्र पर हो तो उससे विवाह एक वर्ष तक टल सकता है । पंरतु आज कल ज्योतिष विद्या से ऐसे कष्टों का भी निवारण किया जा सकता है ।
 

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