myjyotish

6386786122

   whatsapp

6386786122

Whatsup
  • Login

  • Cart

  • wallet

    Wallet

विज्ञापन
विज्ञापन
Home ›   Blogs Hindi ›   How will your wishes be fulfilled on Navratri without unbroken flame

नवरात्रि पर बिना अखंड ज्योत के भी कैसे पूरी होंगी आपकी मनोकामनाएं

My Jyotish Expert Updated 30 Mar 2020 05:50 PM IST
How will your wishes be fulfilled on Navratri without unbroken flame
विज्ञापन
विज्ञापन
नवरात्रि का पर्व पास आते ही हर व्यक्ति का मन माँ को अपने घर बुलाने को आतुर होने लगता है। सभी लोग बहुत ही हर्ष और उल्लास के साथ माँ की प्रतिमा को अपने - अपने घरों में स्थापित करते हैं तथा पूरी श्रद्धा से उनकी आराधना करते हैं। इन्ही दिनों कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जो माँ की उपासना करना तो चाहते हैं परन्तु अपने व्यस्त कार्यशैली के कारण उनका स्वागत कर नहीं पाते। बहुत सी ऐसे नौकरियां हैं जिनमें लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान जाना आना पड़ता है। और ऐसे में विधिवत इस पूजा को संपन्न करना असंभव सा हो जाता है। परन्तु अब उन्हें परेशान होने की कोई आवश्यकता नही हैं। हमें सदैव सिखाया गया है की ईश्वर की आराधना मन से करनी चाहिए वस्तु से नहीं। यदि सच्चे मन से उनसे कुछ माँगा जाए तो वह अवश्य ही हमारी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं।


नवरात्रि के समय बहुत से लोगों के घरों में अखंड ज्योत जलाई जाती है। परन्तु यदि आप इसका ध्यान न रख सके या आपको काम से अक्सर इधर उधर की यात्रा करनी पड़ती है तो आपको यह ज्योत नहीं जलानी चाहिए क्योंकि इस ज्योत का खंडित होना बिलकुल भी शुभ नहीं माना जाता है। अर्थात यदि यह ज्योत नौ दिनों से पहले अप्रज्वलित हो जाए तो आपके ऊपर मुसीबतों का पहाड़ टूट सकता है।

नवरात्रि पर कन्या पूजन से होंगी मां प्रसन, करेंगी सभी मनोकामनाएं पूरी

वह लोग जो अखंड ज्योत को नहीं जला सकते उनके लिए सुबह शाम की पूजा के समय सच्चे मन से केवल एक घी का दिया ही जला दे तो माँ की कृपा उनपर पड़ जाती है। नवरात्रि के आखरी दिन बलि से पूजा का समापन किया जाता है। जहां एक तरफ तामसी लोग बकरे की बलि देते है वही दूसरी ओर सात्विक लोग प्रथम दिन कलश पर रखा नारियल जो की इस बलि का प्रतीक माना जाता है उसे तोड़कर बलि की परंपरा को पूर्ण करते हैं। यदि आप बाहर आते जाते हैं और आपके लिए अष्टमी - नवमी का पूजन करना संभव नहीं है तो आप सूखा नारियल या श्रीफल के द्वारा अपनी पूजा का समापन कर सकते हैं। तथा जब भी घर लौटें उस चुनरी का विसर्जन कर दें।

यह भी पढ़े

देवी स्कंदमाता देती हैं एकाग्रता से रहने की शिक्षा

क्यों मनाया जाता है देवी दुर्गा के आराधना का पर्व नवरात्रि

 

  • 100% Authentic
  • Payment Protection
  • Privacy Protection
  • Help & Support
विज्ञापन
विज्ञापन


फ्री टूल्स

विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms and Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।

Agree
X