सूर्य -
यदि आपकी राशि में सूर्य कमजोर है, तो सूर्य को प्रसन्न कर सकारात्मक रूप से बली करने के लिए आटे का दीया प्रज्जवलित करना चाहिए। आटे का दीपक बनाकर, उसके चारों ओर मौली लपेटकर, उसमे शुद्ध घी डालकर दीप प्रज्जवलित करना चाहिए। तांबे का दीप प्रज्ज्वलित करने से भी सूर्यदेव प्रसन्न होते हैं।
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चन्द्रमा -
कुंडली में यदि चंद्र नीच अवस्था में हैं और आपके लिए अशुभ हैं, तो उसे शुभ करने हेतु चांदी के दीपक में दीप प्रज्जवलित करना चाहिए। इससे चंद्र बलिष्ठ होता है और शुभ फलदायी होता है।
मंगल -
मंगल ग्रह की शांति हेतु जातक को चुकंदर को दीपक के आकार में काट कर उसमे शुद्ध घी की बत्ती जलाने से मंगल ग्रह सकारात्मक रूप से बलिष्ठ होता है। तांबे का दीप प्रज्ज्वलित करने से भी मंगल ग्रह शांत होता है।
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बुध -
जातक की कुंडली में बुध यदि शुभ नहीं है और हानि पहुंचा रहा है, तो जातक बुध को शुभ करने हेतु मिट्टी के दीपक में गाय का घी डालकर प्रज्ज्वलित करे। ऐसा करने से बुध ग्रह की शुभता मिलती है और वह लाभप्रद हो जाता है। बुध व्यवसाय का कारक है, इसलिए यदि बिजनेस में लाभ नहीं मिल रहा तो मिट्टी के दीपों को प्रज्जवलित कर दीपदान करने से व्यापार में लाभ प्राप्त होगा।
गुरु -
गुरु यदि नीच अवस्था में है और नकारात्मक रूप से सक्रिय है, तो उसके प्रभाव को कम करने हेतु जातक को पीतल के दीपक में शुद्ध घी डालकर प्रज्ज्वलित करना चाहिए। गुरु शुभ फलदायी होंगे। यदि सक्षम हैं तो सोने का दीप भी प्रज्ज्वलित कर सकते हैं।
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शुक्र -
शुक्र ग्रह की कृपा प्राप्त करने हेतु जातक को चावल के आटे का दीपक बनाकर, गाय के घी द्वारा दीप प्रज्ज्वलित करना चाहिए। यदि किसी की कुंडली में शुक्र अशुभ फल दे रहा है, तो उन जातकों को नारियल के सख्त छिलके में गाय के घी द्वारा दीप प्रज्ज्वलित करना चाहिए। ऐसा करने से जातक शुक्र ग्रह की पूर्ण कृपा का पात्र होता है।
शनि -
शनिदेव जो कि न्यायाधीश हैं, यदि यह नकारात्मक रूप से सक्रिय हैं, तो उन्हें बली बनाने हेतु जातक को लोहे से बने दीपक में शुद्ध सरसों का तेल डालकर प्रज्ज्वलित करना चाहिए। ध्यान रहे कि ऐसा ही एक दीया पीपल के पेड़ के नीचे भी रखना चाहिए। इससे शनि देव प्रसन्न होते हैं और जातक को शुभ फल देते हैं।
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राहु -
राहु ग्रह की शांति के लिए भी लोहे के दीपक में सरसों का तेल डालकर प्रज्ज्वलित करना चाहिए।
केतु -
केतु ग्रह मंगल की तरह आचरण करता है। अत: केतु के लिए मिश्रित धातु का दीप शुद्ध घी से प्रज्जवलित करना चाहिए।
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मिट्टी का दिया प्राय:
सभी देवताओं के लिए पूर्णतय: उपयुक्त माना जाता है। हालांकि ग्रह विशेष की शांति के लिए उपर्युक्त प्रकार से भी जातक दीपदान कर सकते हैं। यदि आप विभिन्न प्रकार के रोगों से ग्रसित हैं, तो पीपल के पत्ते पर शुद्ध घी कि ज्योति जलाने से समस्त रोगों का नाश होता है। इसी तरह पान के पत्ते पर शुद्ध घी का दीप प्रज्ज्वलित करने से समस्त विघ्नो का नाश होता है।