व्यक्ति के जन्म के समय तथा हालत के आधार पर उसकी जन्म कुंडली बनाई जाती हैं जिसमें कई बार ग्रहों की चाल से जीवन में बदलाव आते रहतें हैं। अक्सर ऐसा देखा जाता हैं कि हमारी जन्म कुंडली में किसी ग्रह की स्तिथि अच्छी होती है तो कोई ग्रह कमज़ोर पाया जाता हैं। अगर ग्रहों की स्तिथि अच्छी बनी रहती है तो व्यक्ति को अच्छा खासा लाभ होता हैं किंतु अगर एक भी ग्रह प्रतिकूल अवस्था में हो तो जातक के जीवन में विपरीत असर पड़ता हैं। हमारी ग्रहों की अवस्था देख कर ज्योतिष हर किसी को कोई ना कोई रत्न धारण करने की सलाह अवश्य देतें हैं। यह पूर्णतः निर्भर करता हैं कि जातक के कुंडली में कौन से ग्रह की क्या स्तिथि है उसके आधार पर ही ज्योतिषाचार्य व्यक्ति को रत्न धारण की राय देतें हैं। ज्योतिषों की मानें तो ऐसा ही एक रत्न है पुखराज {yellow sapphire gemstone }, पुखराज को बहुत ही शुभ तथा महत्वपूर्ण रत्न माना गया है। व्यक्ति के जीवन की काया पलट देता है यह रत्न। बृहस्पति ग्रह का रत्न माना है पुखराज को ,इसको धारण करने से जातक को बहुत लाभ मिलता हैं तथा गुरु ग्रह से सबंधित सभी प्रकार के सुख प्राप्त होतें हैं इस रत्न को धारण करने से, लेकिन इसके साथ ही ज्योतिष इस बात की चेतावनी भी देतें हैं कि बिना जानकारों के परामर्श के किसी भी रत्न को धारण नहीं करना चाहिए , क्यूंकि अगर रत्न सूट नहीं हुआ तो लाभ के स्थान पर हानि भी हो सकती हैं , इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि किसी भी व्यक्ति को बिना ज्योतिषीय सलाह के कोई रत्न धारण नहीं करना चाहिए। बरहाल आज हम अपने इस लेख में जानेंगे पुखराज रत्न के विषय में तथा इसको धारण करने के पश्चात मिलने वाले लाभ के बारे में , तो चलिए जानतें हैं कि ज्योतिष शास्त्र में पुखराज का इतना महत्व क्यों हैं :
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ज्योतिष के विद्वानों के अनुसार पुखराज रत्न का सीधा सबंध बृहस्पति ग्रह हैं , अगर कुंडली में गुरु ग्रह की स्तिथि ठीक ना हो तो पुखराज धारण करने की सलाह दी जातीं हैं। आपको बता दें कि अगर किसी व्यक्ति के कुंडली में गुरु ग्रह अच्छी स्तिथि में ना हो तो जीवन में शिक्षा , करियर तथा विवाह सबंधी बाधाएं खड़ी हो जातीं हैं ,इसलिए गुरु की स्तिथि को सही करने के लिए व्यक्ति को पुखराज पहनने की राय दी जातीं हैं। जानकारों के अनुसार धनु राशि तथा मीन राशि के लोगों के लिए इस रत्न को बहुत शुभ माना गया हैं क्यूंकि इन दोनों राशि के स्वामी ग्रह बृहस्पति हैं और ऐसे में पुखराज को धारण करने से इस राशि के जातकों को विशेष लाभ की प्राप्ति होतीं हैं। इसके साथ ही कर्क राशि ,मेष राशि ,तथा वृश्चिक राशि के जातक भी पुखराज धारण कर सकतें हैं इसके आलावा मिथुन ,कन्या ,तुला ,मकर इत्यादि राशि वालों को पुखराज धारण ना करने की सलाह दी जातीं हैं।
हमें रत्न तो आसानी से मिल जातें हैं लेकिन बहुत बार इनकी पहचान कर पाना मुश्किल हो जाता है कि यह असली हैं भी या नकली रत्न हैं। कुछ विशेष गुण तथा लक्षण के आधार पर हम आसानी से पता कर सकतें हैं कि पुखराज रत्न असली है या नकली , आइए समझते हैं :
1. पुखराज रत्न की पहचान उसके स्पर्श मात्र से भी की जा सकती हैं , अगर रत्न छूने में कठोर लगे तो वह रत्न नकली है क्यूंकि जानकार बतातें हैं कि असली पुखराज बहुत चिकना होता हैं।
2. सूरज की रौशनी में अगर पुखराज रत्न बहुत चमकीला दिखाई दें तो समझ जाइए की यह नकली पुखराज हैं।
3. जानकार एक प्रयोग भी बतातें हैं , ऐसा कहा जाता है कि अगर अगर गाय के दूध को शीशे के गिलास में रख दिया जाए फिर इसमें पुखराज रत्न को भी डाल दिया जाए अगर इसमें से पुखराज रत्न की किरणे डेढ़ घंटे तक चमकदार बनी रहें तो मतलब हैं कि वो पुखराज रत्न बिल्कुल असली हैं।
4. अगर हमारी उँगलियों के निशान रत्न के ऊपर बन छप जाए तो यह पुखराज के नकली होने की ओर इशारा करता हैं।
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