विवाह से पहले क्यों करते हैं कुंडली मिलान, कैसे होती हैं समस्याएं दूर-
गुण नक्षत्रों का मिलान अनुकूलता के लिए-
इसमें एक दूसरे के गुणों को मिलाया जाता है। ज्योतिष के अनुसार हर व्यक्ति की कुंडली में 36 गुणों को मिलाया जाता है। जिनमें से कम से कम 18 गुण अवश्य मिलने चाहिए। इसमें यह भी देखा जाता है कि लड़के-लड़की के ग्रह नक्षत्र और भाग्य एक दूसरे को कैसे प्रभावित करेंगे। इनके मेल से यह निष्कर्ष निकलता है कि दोनों एक दूसरे से विवाह के लिए अनुकूल हैं या नहीं और उनका दांपत्य जीवन कैसा रहेगा।
आर्थिक स्थिति के लिए-
जब दो लोग एक दूसरे के साथ विवाह बंधन में बंधते हैं तो कुंडली मिलाते समय सातवां गुण भी ध्यान में रखा जाता है। ये व्यक्ति की आर्थिक स्थिति को दर्शाता है। कुंडली में इस गुण का मिलान करके देखा जाता है कि आगे आने वाले जीवन में वित्तीय स्थिति कैसी रहेगी।
खराब दशा को सुधारने के लिए-
जब कोई बच्चा जन्म लेता है, तो इस समय से उसके ग्रह नक्षत्रो के आधार पर उसका भाग्य तय होता है। सितारों के समय और स्थिति के हिसाब से कुंडली में दशा बनती है। जैस मंगल दशा या शनि दशा इन दशाओं के बारे में पता न होने पर ये शादी शुदा जीवन में कई तरह की समस्याएं पैदा कर सकती हैं। इसलिए विवाह से पहले कुंडली में इन सारी बातों को भी ध्यान में रखा जाता है।
ऐसा दशा का पता लगने पर इसके ज्योतिष उपाय करके इसके प्रभाव को कम किया जाता है।
भविष्य में स्वस्थ संतान के लिए-
एक परिवार को बच्चे के जन्म के बाद ही पूर्ण माना जाता है। इसलिए विवाहित जोड़े के जीवन में संतान का सुख कैसा रहेगा, यह जानने के लिए कुंडली में सबसे प्रमुख गुण नाड़ी गुण होता है। यह कुंडली मिलान में आठवां गुण माना गया है। जो होने वाले बच्चे के स्वास्थ्य और संभावनाओं के बारे में बताता है।
कुंडली मिलान शादी के लिए बहुत ही आवश्यक पहलू है। लेकिन कई बार कुंडली मिलान करने के बाद भी दांपत्य जीवन में कई परेशानियां आती हैं। इसके कई कारण हो सकते हैं जैसे कुंडली मिलान ठीक से न किया गया हो या मिलान करते समय कुछ बातों को अनदेखा कर दिया हो लेकिन इसमें परेशान होने की कोई बात नहीं हैं | आप प्रसिद्ध ज्योतिषचार्यों से अपनी कुंडली का मिलान कराकर परामर्श ले सकते हैं। देखें यह विशेष रिपोर्ट - पाएं सही कुंडली का मिलान