पौराणिक कथा:
हिरण्यकश्यप का एक पुत्र था, प्रह्लाद। प्रह्लाद भगवान विष्णु का सबसे बड़ा भक्त था। हिरण्यकश्यप अपने पुत्र को मारना चाहता था, इसलिए उसने अपनी बहन होलिका को बुलाया। उसके पास एक जादू की रोटी थी। इस बागे में पहनने वाले को आग में जलने से बचाने की शक्ति थी। हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन को प्रह्लाद के साथ एक जलती हुई आग पर बैठने का आदेश दिया। उसने सोचा कि उसकी बहन को जादू की आग की वजह से आग से नुकसान नहीं होगा और प्रहलाद को जला दिया जाएगा। लेकिन इसका नतीजा यह हुआ कि दुष्ट राक्षस राजा ने जो योजना बनाई, उसके विपरीत था। इस प्रकार प्रह्लाद सुरक्षित रूप से जलती हुई आग से बाहर आया और होलिका जलकर मर गई। यह रंगों के साथ मनाया जाता है ताकि बुराई पर सदाचार और अच्छाई की जीत को चिह्नित किया जा सके।
होली के दिन, किए-कराए बुरी नजर आदि से मुक्ति के लिए कराएं कोलकाता में कालीघाट स्थित काली मंदिर में पूजा - 28 मार्च 2021
होली का त्यौहार कई दिनों तक मनाया जाता है होली के दिन भारतीय घरों में कई प्रकार के मिष्ठान पकवान आदि बनते हैं होली के दिन लोग अपने सगे संबंधियों से मिलते हैं तथा हर प्रकार की गिले-शिकवे को खत्म कर देते हैं इस दौरान धार्मिक और फागुन गीत भी गाये जाते हैं। इस दिन पर हम लोग खासतौर से बने गुजिया, पापड़, हलवा, आदि खाते हैं। रंग की होली से एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है।
होली का त्यौहार भारत में भिन्न-भिन्न तरीके से मनाया जाता है इनमें का सबसे प्रमुख ब्रज की होली होती है जिसे लठमार होली कहां जाता है यह बरसाने में मनाई जाती है इस होली की खासियत यह है कि इसमें पुरुष महिलाओं पर रंग डालते हैं और महिलाएं पुरुष को लाठिया तथा कपड़े के बनाए गए कोडो से मारती हैं तथा मथुरा और वृंदावन में पूरे 15 दिन तक होली का पर्व मनाया जाता है
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