myjyotish

6386786122

   whatsapp

6386786122

Whatsup
  • Login

  • Cart

  • wallet

    Wallet

विज्ञापन
विज्ञापन
Home ›   Blogs Hindi ›   Haridwar Kumbh 2021: Necessary information to know

हरिद्वार कुंभ की प्रशासनिक व्यवस्था से जुड़ीं खास जानकारियां

Myjyotish Expert Updated 01 Feb 2021 11:53 AM IST
Haridwar Kumbh
Haridwar Kumbh - फोटो : Myjyotish
विज्ञापन
विज्ञापन
मकर संक्रांति की तिथि में जब सूर्य और चन्द्रमा वृश्चिक राशि में तथा बृहस्पति मेष राशि में प्रवेश करते हैं। उस योग को 'कुम्भ स्नान-योग' के नाम से जाना जाता है। इस दिन को विशेष मंगलकारी माना जाता है। क्योंकि इस दिन पृथ्वी के द्वार उच्च लोकों के लिए खुलते हैं। इस दिन स्नान करने से आत्मा को उच्च लोकों की प्राप्ति सहजता से ही हो जाना तय होता है। इस तिथी का हिन्दू धर्म में अत्यधिक महत्व है। 

हिंदी में 'अर्ध' शब्द का अर्थ होता है आधा और इसी वजह से बारह वर्षों के अंतराल में आयोजित होने वाले पूर्ण कुम्भ के बीच छ: वर्ष बाद अर्ध कुंभ आयोजित होता है। हरिद्वार में आखरी कुंभ वर्ष 1998 में हुआ था। 

पौराणिक कथाओं के अनुसार क्षीर सागर के मंथन के दौरान समुद्र में से एक अमृत कलश निकला था तथा देवताओं और असुरों में इसकी प्राप्ति के लिए युद्ध शुरू हो गया था। इस युद्ध के दौरान पृथ्वी पर चार स्थानों पर (प्रयागराज, हरिद्वार, नाशिक, उज्जैन) कलश से अमृत बूँदें गिरी थीं। उस समय चंद्रमा ने घट से प्रस्रवण होने से, सूर्य ने घट फूटने से, गुरु ने दैत्यों के अपहरण से एवं शनि ने देवेन्द्र के भय से घट की रक्षा की। कलह शांत करने के लिए भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धर कर सब देवताओं को अमृत बाँटकर पिला दिया। इस प्रकार देव-दानव युद्ध का अंत हुआ। इससे पहले वर्ष 1938 में यह कुंभ ग्यारह वर्ष उपरांत पड़ा था। 

कुम्भ 2021 में शिव शंकर को करें प्रसन्न कराएं रुद्राभिषेक, समस्त कष्ट होंगे दूर

इस वर्ष के कुम्भ मेले के लिए उत्तराखंड सरकार ने केंद्र से महाकुंभ के आयोजन पर बातचीत की है। उसमें यह तय हुआ है कि कोविड-19 के मद्देनजर एहतियात बरतने को लेकर केंद्र सरकार महाकुंभ की एस.ओ.पी. जारी करेगी। वहीं, बैठक में कोरोना के साए में कुंभ के आयोजन पर इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आई.सी.एम.आर) ने भी चिंता जताई है। 

नियमों के अनुसार अपनी निगेटिव रिपोर्ट साथ रखें। महाकुंभ स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालु जो एक दिन का रात्रि प्रवास करना चाहते हैं। उनको कोविड-19 की जांच कराने के बाद ही आने की हिदायत है। अगर उनकी रिपोर्ट निगेटिव है तभी वो कुंभ क्षेत्र में आ सकेंगे। मास्क पहनना सभी के लिए अनिवार्य है और जो मास्क नहीं पहनेंगे उनके खिलाफ कंपाउंडिंग या समन की कार्रवाई भी मेला पुलिस द्वारा की जाएगी। आपस में सोशल डिस्टेंसिंग रखने की अपील भी मेला प्रशासन की ओर से की जा रही है। हालांकि इस संबंध में कुंभ मेले के आई.जी. संजय गुंज्याल का मानना है कि मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन व्यवहारिक रूप से थोड़ा कठिन जरूर है मगर सभी से इसके पालन की अपील की जा रही है। 

स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को अपना पंजीकरण ऑनलाइन पोर्टल पर करवाना होगा। पोर्टल पर उपलब्ध डेटा से यह पता चल सकेगा की किस दिन अधिक भीड़ रहेगी। उसी के अनुरूप मेला प्रशासन व्यवस्थाओं का आयोजन करेगा।

यह भी पढ़े :-         

बीमारियों से बचाव के लिए भवन वास्तु के कुछ खास उपाय !

क्यों मनाई जाती हैं कुम्भ संक्रांति ? जानें इससे जुड़ा यह ख़ास तथ्य !

जानिए किस माला के जाप का क्या फल मिलता है

  • 100% Authentic
  • Payment Protection
  • Privacy Protection
  • Help & Support
विज्ञापन
विज्ञापन


फ्री टूल्स

विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms and Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।

Agree
X