ऐसा माना गया है कि बजरंगबली को अमर रहने का वरदान प्राप्त है , एवं हनुमान जी की पूजा के लिए मंगलवार और शनिवार का दिन श्रेष्ठ माना गया है। श्री राम की आज्ञा का पालन करते हुए हनुमान जी भक्तों के कल्याण के खातिर पृथ्वी पर ही वास करते हैं।
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मंगलवार को की जाने वाली हनुमान जी की पूजा बहुत प्रभावशाली मानी जाती हैं। ज्योतिष के अनुसार अगर किसी व्यक्ति को किसी प्रकार का भय सता रहा हो या फिर शिक्षा के क्षेत्र में कोई बाधा आ रहीं हो या मन में आत्मविश्वास की कमी हो तो बजरंगबली की आरधाना से यह सब दोष खत्म हो जाते हैं।
हनुमान जी की पूजा अर्चना में उन्हें कई प्रकार की वस्तु अर्पित की जाती है जैसे :पान के पत्ते , सुपारी ,लौंग -इलायची , बूंदी के लड्डू और अन्य प्रकार के मेवे चढ़ाते हैं। आपको बता दें कि श्री राम के भक्त हनुमान जी को सिंदूर भी चढ़ाया जाता है , इससे जुड़ी मान्यता यह है कि अगर बजरंगबली का पूजन सिंदूर से किया जाए तो भक्तों के जीवन से समस्त प्रकार के कष्ट दूर जाते हैं।
हनुमान जी को ध्वज ,जनेऊ तथा चोला भी अर्पित किया जाता है और उसके बाद इनकी आरती आटे के बने दीपक से की जाती है। आइए जानतें हैं कि आख़िरकार हनुमान जी के समक्ष आटे के दीपक ही क्यों जलाये जातें हैं।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आटे के दीपक शुभ माने जातें हैं। हनुमान जी के प्रतिमा अथवा उनके मूर्ति के सामने अगर आटे के दीपक जलाए जाए तो भक्तों को इससे लाभ मिलता है। कहा जाता है कि अगर मन में किसी भी प्रकार की कोई मनोकामना या फिर सफलता के लिए कोई मन्नत मांगी हो तो , अपनी मनोकामना के साथ आटे के दीपक अगर हनुमान जी के समक्ष जलाए जाए तो अवश्य ही सफलता मिलती हैं।
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ज्योतिष की मानें तो अगर कोई व्यक्ति आर्थिक परेशानी से जूझ रहा हो या फिर कर्ज़े में डूब गया हो तो उसका उपाय भी आटे के दीपक से हो सकता हैं। व्यक्ति को आटे के दीप में चमेली का तेल डाल कर उसे बड़ के पत्ते पर जलाना चाहिए , ऐसे दीप ग्यारह मंगलवार तक नियमित रूप से जलाने से जातक को क़र्ज़ के बंधन से मुक्ति मिल जाती हैं।
अगर किसी जातक के राशि में शनि की महादशा चल रहीं हो या उस पर शनि के प्रकोप के बादल छाए हो तो तो उस परिस्थिति में अगर हनुमान जी के मंदिर में प्रत्येक शनिवार आटे के दीप जलाए जाए तो शनि के कारण होने वाली परेशानियों से राहत मिल जाती हैं।
जीवन में अगर परेशानियों का दौर समाप्त ना हो रहा हो तो इसके निवारण के लिए ज्योतिष बताते हैं कि हनुमान जी के मंदिर में आटे के दीपक बढ़ते क्रम में जलाने चाहिए , अर्थात अगर 11 मंगलवार तक दिए जलाने हैं तो संकल्प के पहले मंगलवार को 1 दीप जलाकर शुरुआत कर सकते हैं फिर धीरे धीरे दीपों की संख्या बढ़ा सकते हैं।
अगर आपकी कुंडली में मंगल दोष हो तो भी आटे के दीपक जलाने से राहत मिल सकती है। जानकारों के अनुसार नियमित रूप से पांच मंगलवार तक आटे के पंचमुखी दीपक में सरसों के तेल वाली बात्ती जलाने से मंगलदोष से राहत मिलती हैं। ऐसी मान्यता हैं कि आटे के दीपक जलाने से विवाह , नौकरी , संतान प्राप्ति में आए बाधाएं भी समाप्त हो जातीं हैं
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