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इस बार के गुप्त नवरात्रि में बन रहे हैं कुछ विशेष संयोग !

Myjyotish Expert Updated 06 Feb 2021 01:21 PM IST
Gupt Navaratri
Gupt Navaratri - फोटो : Myjyotish
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 गुप्त नवरात्रि 12 फरवरी से आरंभ हो रही है। हर बार की तरह इस बार भी पूरे उल्लास के  साथ भक्त गुप्त नवरात्रि का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। अगर नवरात्रि की बात करें तो एक वर्ष में 4 बार आती है। एक आषाढ़ मास, माघ मास, चैत  और शारदीय । विद्वानों के अनुसार इस बार गुप्त नवरात्रि में कई शुभ योग बन रहे हैं। भक्त सच्चे मन से पूजा अर्चना करके मां का पूरा आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। अगर विद्वानों की मानें तो  मां जगदंम्बा की नौ दिन आराधना करके भक्त मां की विशेष कृपा पा सकते हैं। इस बार के नवरात्रि के व्रत काफी फलदाई हो सकते हैं।अगर इस बार भक्त मां का  नौ दिन व्रत रखे तो, उन्हें विशेष फलों की प्राप्ति  हो सकती है। यदि किसी कारणवश व्रत नहीं कर पा रहे हैं। तो शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना कर मां की पूजा अर्चना विधि विधान के अनुसार करें, तो भी मां दुर्गा अपने भक्तों से प्रसन्न होकर उन पर विशेष कृपा बनाए रखेंगी।

 शुभ मुहूर्त

 8:34  से 9:59 तक कलश स्थापना का शुभ समय रहेगा। 

अभिजीत मुहूर्त 

दोपहर 12:13 से 12:58 तक रहेगा।

गुप्त नवरात्रि पर कराएं सामूहिक 1.25 लाख बगलामुखी मंत्रों का जाप , मिलेगा कर्ज की समस्या से छुटकारा - बगलामुखी मंदिर नलखेड़ा : 12 - 21 फरवरी 2021

पारण किस दिन करें 

12 फरवरी को गुप्त नवरात्रि शुरू हो रही है।इसके साथ ही 21 फरवरी को गुप्त नवरात्रि का समापन भी हो रहा है। और 21 फरवरी को ही पारण का भी समय है।जिन्होंने 9 दिन का व्रत कर रखा है।वह 21 फरवरी को ही पारण करेंगे।

" मां दुर्गा के मंत्र जिनके जप से पूरी होंगी आपकी सभी मनोकामना"-

प्रपन्नार्तिहरे प्रसीद प्रसीद मातर्जगतोखिलस्य।
प्रसीद विश्वेश्वरी पाहि विश्वं त्वमीश्वरी देवि चराचरस्य।।

मां दुर्गा के 108 नाम जिनके जप से दुर होंग आपके सभी संकट-:

सती, साध्वी, भवप्रीता, भवानी, भवमोचनी, आर्या, दुर्गा, जया, आद्या, त्रिनेत्रा, शूलधारिणी, पिनाकधारिणी, चित्रा, चंद्रघंटा, महातपा, बुद्धि, अहंकारा, चित्तरूपा, चिता, चिति, सर्वमंत्रमयी, सत्ता, सत्यानंदस्वरुपिणी, अनंता, भाविनी, भव्या, अभव्या, सदागति, शाम्भवी, देवमाता, चिंता, रत्नप्रिया, सर्वविद्या, दक्षकन्या, दक्षयज्ञविनाशिनी, अपर्णा, अनेकवर्णा, पाटला, पाटलावती, पट्टाम्बरपरिधाना, कलमंजरीरंजिनी, अमेयविक्रमा, क्रूरा, सुन्दरी, सुरसुन्दरी, वनदुर्गा, मातंगी, मतंगमुनिपूजिता, ब्राह्मी, माहेश्वरी, एंद्री, कौमारी, वैष्णवी, चामुंडा, वाराही, लक्ष्मी, पुरुषाकृति, विमला, उत्कर्षिनी, ज्ञाना, क्रिया, नित्या, बुद्धिदा, बहुला, बहुलप्रिया, सर्ववाहनवाहना, निशुंभशुंभहननी, महिषासुरमर्दिनी, मधुकैटभहंत्री, चंडमुंडविनाशिनी, सर्वसुरविनाशा, सर्वदानवघातिनी, सर्वशास्त्रमयी, सत्या, सर्वास्त्रधारिनी, अनेकशस्त्रहस्ता, अनेकास्त्रधारिनी, कुमारी, एककन्या, कैशोरी, युवती, यति, अप्रौढ़ा, प्रौढ़ा, वृद्धमाता, बलप्रदा, महोदरी, मुक्तकेशी, घोररूपा, महाबला, अग्निज्वाला, रौद्रमुखी, कालरात्रि, तपस्विनी, नारायणी, भद्रकाली, विष्णुमाया, जलोदरी, शिवदुती, कराली, अनंता, परमेश्वरी, कात्यायनी, सावित्री, प्रत्यक्षा, ब्रह्मावादिनी।

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