क्यों विशेष है गुप्त नवरात्रि
गुप्त नवरात्रि का विशेष महत्व होता है। मान्यता अनुसार गुप्त नवरात्रि तंत्र-मंत्र को सिद्ध करने वाली होती है। इस नवरात्रि के दौरान की गई पूजा कष्टों को दूर कर देती है है। गुप्त नवरात्रि में तांत्रिक महाविद्याओं को सिद्ध करने के लिए मां दुर्गा की उपासना करते हैं। इस नवरात्रि पर पूजा और व्रत रखने वाले इसको गुप्त रखते हैं। पूजा गुप्त रखने से उसके फक में वृद्धि होती है। गुप्त नवरात्रि में मां कालिके, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता चित्रमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां धूम्रवती, माता बगलामुखी, मातंगी, कमला देवी की पूजा का विधान है।
घट स्थापना का मुहूर्त
12 फरवरी से गुप्त नवरात्रि का प्रारंभ होगा। इस दिन घट स्थापना का समय पंचांग के अनुसार प्रात: 08 बजकर 34 मिनट से 09 बजकर 59 मिनट तक रहेगा। इस दौरान कलश की स्थापना कर सकते हैं। इस दिन दोपहर 12 बजकर 13 मिनट से 12 बजकर 58 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त है। गुप्त नवरात्रि का समापन 21 फरवरी, रविवार के दिन होने वाला है।
ध्यान देने योग्य बातें
गुप्त नवरात्रि पर जो लोग व्रत रखते हैं उन्हें कठोर अनुशासन का पालन करना चाहिए। गलत कार्यों से दूर रहते हुए पूजा-पाठ करना चाहिए। किसी के भी अहित का विचार मन में नहीं लाना चाहिए और सच्ची श्रद्धा से पूजा करनी चाहिए।
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