मान्यताएं है कि रत्नों को धारण करने से व्यक्ति की इच्छाएं जल्द ही पूरी होती है और उन्हें अपने हर कार्य में सफलता मिलती है। लेकिन कई बार इन रत्नों और पवित्र पत्थरों का प्रयोग तंत्र शास्त्र के लिए भी किया जाता हैं। तंत्र शास्त्रों में कई प्रकार के पत्थरों का इस्तेमाल किया जाता है, कहा जाता है कि इस पत्थरों का कई तरह से प्रयोग किया जाता है जैसे कि मान्यता है कि हकीक पत्थर जिसके घर में होता है, उसके घर में कभी भी आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
बता दें कि तंत्र शास्त्रों में हकीक पत्थर का विशेष योगदान होता हैं। हकीक पत्थर को एक शांतिपूर्ण रत्नों में गिना जाता है, जो लोगों की मुश्किल घड़ी में सहायता करता है और उसके मन को शांति प्रदान करने में मदद करता है। ये पत्थर लोगों के जीवन में आंतरिक, मजबूती और तनावपूर्ण परिस्थितियों में बेहद मददगार साबित होता है। हकीक आपके परेशान से भरी जिंदगी में व्यावहारिक निर्णय लेने के स्थितियों में शांति बनाए रखता है। यह रत्न सकारात्मक ऊर्जा के साथ संपर्क बनाए रखने में मदद करता है।
यह पत्थर मां लक्ष्मी का प्रतिरूप भी माना जाता हैं। इस पत्थर का प्रयोग तंत्र शास्त्रों के साथ-साथ पूजा-अर्चना और किसी भी देवी-देवताओं की उपासना करने के लिए भी किया जाता हैं।
अक्षय तृतीया पर कराएं मां लक्ष्मी का श्री सूक्तम पाठ एवं हवन, होगी अच्छे स्वास्थ्य और समृद्धि की प्राप्ति - अंबाबाई महालक्ष्मी कोल्हापुर, 14 मई 2021
हकीक पत्थर को गर्भवती महिलाओं के लिए एक बेहद रत्नों में गिना जाता है। इसे महिलाओं के जीवन में अच्छा और फायदेमंद माना जाता हैं। इसके अलावा कुछ लोग हकीक पत्थर की माला बनाकर गले में पहनते है। ऐसा कहा जाता है कि काले मोती की माला धारण करने से महिलाएं खुशहाल और जीवन में शांति मिलती हैं।
हकीक वैसे तो कई रंगों के पाए जाते हैं जैसे काले, दूधिया सफेद, ग्रे, नीले, हरे, गुलाबी व भूरे के साथ ही ब्लू बैंडेड, बैंडेड, ब्लू लेस, बोत्सवाना, बुल आई, कैथेड्रल, क्लोरीन, क्रैकेड फायर, क्रेजी लेंस, डेंड्रिटिक, फायर, फायर-बर्न, जिओड, होली ब्लू, लगून, लूना और मोस अगेट आदि प्रकार के हकीक पाए जाते हैं। लेकिन काला, सफेद, पीला, लाल, हरा एवं नीला ही खासकर प्रचलन में रहता हैं। सभी रंगों का महत्व अलग-अलग है।
मान्यता हैं कि हकीक की माला का जप करने से भगवान शिव प्रसन्न हो जाते हैं।
शनि, राहु एवं केतु के दोष दूर हो जाते हैं।
माला फेरने के साथ यदि हनुमान जी के किसी मंत्र का जप किया जाए, तो यह बहुत ही लाभदायक होता है।
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