मंत्रिमंडल विस्तार का बड़े लम्बे अरसे से इंतज़ार था। जिसका अंत रविवार को राजभवन कैबिनेट में 11 और 4 राज्य मंत्रियों के शपथ ग्रहण के साथ हुआ। लेकिन, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट गुट के बीच मनमुटाव किसी से छिपा नहीं है।
स्रोतों से प्राप्त दोनों दिग्गज नेताओं की कुंडली के आधार पर ज्योतिषी दोनों की कुंडली को सराहते हैं। अशोक गहलोत जी का जन्म तीन मई, 1951 को जोधपुर में हुआ जिस कारण उनकी राशि मीन है। मीन राशि के जातक अधिकांशतः उत्कृष्ट व्यक्तित्व के धनी होते हैं। वहीं प्राप्त जानकारी के अनुसार, सचिन पायलट का जन्म सहारनपुर में सात सितम्बर 1977 को हुआ। उनकी जन्म राशि मिथुन है।
गुणों की बात की जाए तो दोनों ही व्यक्तियों का वर्ण अनुशंसित है। जिसके कारण वे एक-दूसरे का विरोध स्पष्ट रूप से नहीं करते है। परन्तु, दोनों के मैत्री कूट में बहुत अंतर है। मैत्री कूट (जो कि मनोवैज्ञानिक स्वभाव, बौद्धिक गुणों का प्रतिनिधित्व करता है) विपरीत होने के कारण दोनों में विरोधाभास रहता है। ज्योतिष के अनुसार, यही एक मुख्य कारण है जो दोनों में मतभेद उत्पन्न करता है।
पायलट की कुंडली में बुध व शनि सूर्य के घर में हैं, जहाँ सूर्य पूर्व में ही विराजित हैं। यह घर शनि के शत्रु का घर होने के कारण शनि का दुष्प्रभाव पड़ता है। लेकिन, तीन शुभ ग्रह एक ही घर में होने के कारण अशोक गहलोत की कुंडली में राजयोग स्पष्ट है। सचिन जी की कुंडली में शुक्र के शत्रु के घर में होने के कारण उन्हें विपरीत व्यवहार करना पड़ा।
परन्तु, अब दशाओं में परिवर्तन के साथ ही सचिन पायलट गुट के चार विधायकों को मंत्री मण्डल में स्थान मिला है। अगले माह की चार तारीख़ को होने जा रहे सूर्य ग्रहण के प्रभाव के कारण दोनों के बीच मतभेद कम होने के फ़िलहाल तो कम आसार हैं। लेकिन, अगले वर्ष सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के बाद दोनों के बीच सुलह भी हो सकती है।