आसानी से देखिए अपनी जन्म कुंडली मुफ़्त में, यहाँ क्लिक करें
गरुण पुराण में भी जीवनसाथी के कर्तव्य की तमाम बातें कही गई हैं। और यह भी बताया गया है कि कब जीवन साथी के साथ एक छत के नीचे रहना नर्क के समान माना गया है कई बार तमाम कोशिशों के बाद भी रिश्ता आगे नहीं चल पाता है और जिंदगी नर्क के समान हो जाती है गरुड़ पुराण में भी इस बात का उल्लेख किया गया है।
क्या है गरुड़ पुराण
हिंदुओं में ऐसी मान्यता है कि इस दुनिया का सबसे पुराना धर्म हिंदू सनातन धर्म है। इसके अनुसार माना जाता है कि ब्रह्मा का कर्म है सृष्टि की रचना करना, भगवान विष्णु का कर्म है उसका संचालन करना और भगवान शिव का कर्म है विनाश करना। वैसे तो हिंदू धर्म में हर धार्मिक ग्रंथों की अपनी एक विशेष महत्ता है, मगर बात जब गरुड़ पुराण की आती है, तो इसकी महत्ता और भी बढ़ जाती है. दरअसल, गरुड़ पुराण हिन्दू धर्म के प्रसिद्ध धार्मिक ग्रंथों में से एक है. वैष्णव सम्प्रदाय से सम्बन्धित 'गरुड़ पुराण' सनातन धर्म में मृत्यु के बाद सद्गति प्रदान करने वाला माना जाता है। इसलिये सनातन हिन्दू धर्म में मृत्यु के बाद 'गरुड़ पुराण' के सुनने का प्रावधान है।
इन परिस्थितियों में जीवनसाथी से अलग होना है सही
गरुण पुराण में उल्लेखित वर्णों के अनुसार यदि आपका जीवन साथी आपको बार-बार अपमानित करें आपका आदर ना करें और आप के प्रति उसके उत्तरदायित्व का निर्वाहन वो ना करें ऐसा व्यक्ति आपका साथ कभी नहीं निभाएगा वह केवल आपको जीवन भर का कष्ट ही दे सकता है तो आपको उसे छोड़ने में ही बेहतरीन है उसके साथ अपना जीवन जीना किसी भी प्रकार की समझदारी नहीं होगी आपको ऐसे व्यक्ति को तुरंत ही छोड़ देना चाहिए। इसके साथ ही जो स्त्री अपने सास-ससुर का अपमान करें उनसे घृणा करें और घर में कलेश करें ऐसी स्त्रियां कभी घर को जोड़ कर नहीं रख सकती हैं वह केवल परिवार को तोड़ सकती है वह केवल परिवार में क्लेश ही पैदा करती हैं वह घर में 1 दिन भी चैन से नहीं जीने देती है ऐसी स्त्री को भी छोड़ना समझदारी ही माने माना गया है ऐसी स्थिति मैं उस स्त्री से अलग हो जाना है समझदारी होगी वरना जिंदगी जीना भी नर्क के समान ही हो जाएगा। वहीं जो पुरुष अपनी कर्तव्यनिष्ठ पत्नी को सम्मान न दे, उसके परिवार का अपमान करे, ऐसे पुरुष के साथ एक महिला का जीवन नर्क से भी बदतर हो जाता है. इन स्थितियों के बीच जीवनसाथी से अलग होना बेहतर होता है।
धोखेबाज जीवनसाथी की परवाह न करें
हमारे समाज में एक स्त्री कुछ भी सहन कर सकती है परंतु आज भी मर्द के दिए हुए धोखे को सहन नहीं कर सकती है उसके अंदर बहुत ताकत होती है परंतु मर्द के दिए हुए धोखे को वह कभी भी सहन नहीं करती है। गरुड़ पुराण में भी इसका उल्लेख किया गया है। गरुड़ पुराण में जीवनसाथी की बेहतर देखभाल से लेकर उसे प्यार और सम्मान देने की बात कही गई है, लेकिन अगर पति किसी पराई महिला के प्रति आसक्त हो या पत्नी किसी पराए पुरुष की ओर आकर्षित हो, तो उसे पहले सुधारने का प्रयास करना चाहिए. यदि वो नहीं सुधरता है तो उसे उसके हाल पर छोड़ देना चाहिए उसकी परवाह न करें और न ही उससे कोई मतलब रखें उसे उस के ही हाल पर छोड़ दे ओर उस से अलग हो जाए ऐसा जीवनसाथी आपके जीवन को भी खतरे में डाल सकता है।
जीवन के संकटों से बचने हेतु जाने अपने ग्रहों की चाल, देखें जन्म कुंडली
दरिद्रता से मुक्ति के लिए ज़रूरी है अपने ग्रह-नक्षत्रों की जानकारी, देखिए अपनी जन्म कुंडली मुफ़्त में
आपके स्वभाव से लेकर भविष्य तक का हाल बताएगी आपकी जन्म कुंडली, देखिए यहाँ