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Home ›   Blogs Hindi ›   Garud puran after death facts significance

जानिए गरुण पुराण के अनुसार आत्मा मृत्यु के बाद कहां जाती है और उसके साथ क्या होता है?

my jyotish expert Updated 07 Sep 2021 10:18 AM IST
soul after death
soul after death - फोटो : google
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गरुण पुराण एक ऐसा पुराण है जिसमे मरने के बाद की दुनिया की व्याख्या बड़े ही विस्तृत ढंग से किया गया है अर्थात मरने के बाद आत्मा का क्या होता है इसके साथ क्या व्यवहार किया जाता है कर्मों के अनुसार किस आत्म को किस जगह भेजा जाता है हमारे कर्म किस तरह से  हमारे आत्म के मोक्ष से जुड़े होते है हमे क्यों अच्छे कर्म करने चाहिए इन सब बातो को बड़े ही विस्तृत ढंग से गरुण पुराण में बताया गया है। 

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गरुण पुराण मृत्यु के बाद मोक्ष प्राप्त करने वाला माना जाता है इसके दो भाग हैं प्रथम भाग में विष्णु की आराधना के बारे में जबकि दुसरे भाग में आत्मा की गति अर्थात् मरने के बाद आत्मा के साथ किस प्रकार का व्यवहार की जाता है । आत्मा का परमात्मा में विलीन होना इन सब के बारे में जानकारी मिलती हैं विद्वानों की माने तो जो प्रवचन भगवान विष्णु ने अपने वाहन पक्षिराज को दिए थे उसे ही गरुण पुराण के नाम से जाना जाता है तो चलिए आज जान लेते हैं की मृत्यु के बाद क्या बताया गया है गरुण पुराण में और ये जानकारी आपके लिए कितनी महत्वपूर्ण है 

13 घंटो तक आत्मा का निवास घर में रहता है

गरुण पुराण में बताया जाता है जब मनुष्य जीवन के अंतिम पड़ाव में होता है अर्थात इंसान मृत्यु के सन्निकट होता हैं तो यम लोक के दो दूत आत्मा को लेने आते हैं यम दूतों के आने के बाद आत्मा शरीर का परित्याग करके यम दूतों के साथ यम लोक का प्रस्थान करती हैं और यम लोक में 24 घंटे तक निवास करती हैं पुराण के मुताबिक इन 24 घंटो तक आत्मा को उसके बुरे और अच्छे कर्मों को बताया जाता है और फिर वही छोड़ दीया जाता है जहां  आत्मा काजीवन बीता था
कहां जाता हैं की पूरे 13 दिन तक आत्मा अपने परिजनों के बीच में ही निवास करती है 

मृत्यु के बाद यहां जाती हैं आत्मा 

कहा जाता हैं की जिन लोगो के कर्म और आचरण अच्छे होते हैं अर्थात जो अपने जीवन काल में अच्छा कार्य करते है जो किसी को पीड़ा नही देते किसी के साथ कटु शब्द का उपयोग नहीं करते  उन्हें ज्यादा पीड़ा और कष्ट का सामना नहीं करना पड़ता और जिनके कर्म और आचरण बुरे हैं अर्थात जो लोगो के साथ बुरे तरीके से पेश आते है, लोगो को परेशान करना उनके व्यवहार का एक हिस्सा होता है उन्हें बहुत ही कष्ट और पीड़ा सहन करना पड़ता है 
गरुण पुराण के अनुसार 13 दिन के पश्चात आत्मा पुन: यम लोक जाती है और वहां उसे 4 रास्ते मिलते हैं जिनमें से ब्रम्हलोक , देवलोक , पितृलोक , नरकलोक व्यक्ति के कर्मों के आधार पर निर्धारित किया जाता है की आत्मा को कौन सा लोक मिलेगा।

किसे कौन सा लोक मिलता है 

गरुण पुराण के अनुसार ब्रह्मलोक उसे मिलता हैं जिसने कठोर तपस्या और त्याग से मोक्ष को प्राप्त किया हो वही दूरी तरफ़ देव लोक उन्हें मिलता है जो अच्छे आचरण और नेक कर्म किया हो यहां आने वाली आत्मा कुछ दिन यहां रहने के बाद  के बाद फिर से मनुष्य योनि में जन्म लेते हैं वही पितृलोक में पवित्र और पुण्य आत्माओं को स्थान मिलता है वो यहां अपने पितरों से मिलते हैं और कुछ वख्त या व्यतीत करके फिर से मनुष्य योनि में जन्म लेते हैं जबकि नरकलोक में उन आत्माओं को स्थान मिलता है जिन्होंने अपने पूरे जीवन काल में पाप छल कपट धोखा अर्थात बुरे से बुरे कर्म में लिप्त रहे हों इन्हें यहां कुछ वक्त रहने के बाद उनके कर्मों के हिसाब से अलग अलग योनि में जन्म मिलता है



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