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गंगा दशहरा 2020 : गंगा दशहरा पर नहीं करने चाहिए यह काम

MyJyotish Expert Updated 30 May 2020 01:54 PM IST
Ganga Dussehra 2020: This should not be done on Ganga Dussehra
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गंगा दशहरा 2020 : माँ गंगा के अवतरण के रूप में मनाया जाने वाला पर्व है गंगा दशहरा। इस वर्ष यह महापर्व 1 जून 2020 , सोमवार के दिन मनाया जाएगा। माँ गंगा पूर्ण भारत वर्ष में पौराणिक काल से ही माँ समान पूजा जाता है। उनकी उपासना से व्यक्ति के जीवन में अशुभता का नाश होता है। माँ गंगा पवित्रता का प्रतिक है ,  उनके आशीर्वाद से समस्त पाप धूल जातें है। गंगा दशहरा के दिन माँ गंगा धरती पर अवतरित हुई थी ,  इसलिए यह पर्व माँ के अवतरण के महोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है।

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यह विशेष रूप से स्नान एवं दान का महापर्व माना जाता है। अपने पापों से मुक्ति प्राप्त करने हेतु लोग दूर - दूर से माँ गंगा के घाट पर स्नान करने आते है। इस दिन माँ गंगा को 10 विभिन्न प्रकार की वस्तुओं का दान भी किया जाता है जो की बहुत लाभकारी माना जाता है।

गंगा दशहरा पर कराएं गंगा आरती एवं दीप दान, पूरे होंगे रुके हुए काम-1 जून 2020

गंगा दशहरा के पूजन में कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत आवश्यक है। पूजन के समय मन में किसी भी व्यक्ति या वस्तु के प्रति अनुचित भावना या लोभ की इच्छा के बारें में नहीं सोचना चाहिए। कोई भी व्यक्ति चाहे वो आपसे बड़े हो या छोटें , उसके विषय में कुछ बुरा करना या बोलना नहीं चाहिए। किसी भी व्यक्ति से असत्य या कटु वचन नहीं बोलने चाहिए। किसी भी पशु - पक्षी या प्राणी को हानि नहीं पहुचानी चाहिए। यह जानतें हुए की जिस चीज़ की मांग आप कर रहे है वह सही नहीं है फिर भी बहस करतें रहना। माँ गंगा के आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए यह आवश्यक है की व्यक्ति तन से ही नहीं परन्तु मन से भी निरमल हो। वह जाने - अनजाने कोई भी ऐसी भूल को न करें जिसके लिए उसे दंड का भागीदार बनना पड़ें।

गंगा दशहरा पर हरिद्वार गंगा घाट पर कराएँ 10 महादान- पाएँ 10 पापों से मुक्ति - 1 जून 2020

गंगा नदी भारत की सबसे पौराणिक नदियों में से एक है। इसका बाहव गंगोत्री से शुरू होकर देश भर में भ्रमण करता है। देवी गंगा के क्षण भर के स्पर्श से ही व्यक्ति के भीतर से बुरें विचारों का वास समाप्त हो जाता है। गंगा दशहरा के दिन सच्चे मन से माँ गंगा की आराधना करने से व्यक्ति जीवन के दुखों का अंत होता है। वह अपने कार्य क्षेत्र में पहले से अधिक ध्यान एवं समझदारी से सफलता प्राप्त करता है। देवी गंगा के आशीर्वाद से वह पाप मुक्त होकर एक सुखद जीवन की ओर प्रस्थान करता है।

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