गंगा दशहरा पर 10 दान से पाएं समस्त पापों से छुटकारा
माँ गंगा को शुभता और पवित्रता का प्रतिक इसलिए कहा जाता है क्यूंकि किसी में कार्य की मंगलकारी आशा के लिए पूजा - पाठ में गँगा जल का प्रयोग बहुत ही अनिवार्य होता है क्यूंकि उससे समस्त अमंगल ऊर्जाओं का नाश हो जाता है। माँ गंगा शिव शंकर के जटाओं में वास करती है जिसके कारण उनको पूजने वाले भक्तों को न केवल माँ गंगा का बल्कि भोलेनाथ का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन में मानसिक , शारीरिक या वाणी के माध्यम से पाप करता है। और यह पाप उसे भारी दंड का भागी बनातें है। इसी दंड से मुक्ति पाने के लिए माँ गंगा के भक्तों द्वारा गंगा दशहरा के महापर्व पर 10 विभिन्न वस्तुओं का दान करतें है जिससे उन्हें इन अलग - अलग तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है।
गंगा दशहरा पर हरिद्वार गंगा घाट पर कराएँ 10 महादान- पाएँ 10 पापों से मुक्ति - 1 जून 2020
माँ गंगा की पूजा के लिए व्यक्ति को गंगा दशहरा के दिन प्रातः काल उठकर स्नान आदिकर माँ गंगा के पूजन का आयोजन करना चाहिए। पूरे घर में शुद्ध गंगा जल का छिड़काव करना चाहिए इससे ग्रह एवं वास्तु दोष का नाश होता है। माँ गंगा को फल एवं फूल अर्पण करना चाहिए। विभिन्न प्रकार की मिठाइयां देवी गंगा को भोग स्वरुप अर्पण करना चाहिए। माँ गंगा के प्रसन्न होने पर दुःख एवं व्यथा का नाश होता है। किसी भी प्रकार की बुरी शक्ति का साया व्यक्ति को परेशान नहीं करता अर्थात वह अपना जीवन सुखद रूप से व्यतीत कर पाता है।
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