हिंदु धर्म में वैसे तो अनेको देवी - देवता हैं । और भगवान की आराधना कभी भी की जा सकती हैं परंतु सप्ताह के कुछ विशेष दिन है जिनमें एक ख़ास देव का पूजन अवश्य किया जाता है। उस दिन देवी देवता की विधि विधान से पूजा करने पर मनोकामना पूर्ण होतीं हैं। जैसे बुधवार के दिन पूजे जाते है विघ्नहर्ता श्री गणेश जी। हिन्दू संस्कृति और पूजा में भगवान श्री गणेश जी को सर्वश्रेष्ठ स्थान दिया गया है। प्रत्येक शुभ कार्य में सबसे पहले भगवान गणेश का पूजन किया जाना अनिवार्य बताया गया है। देवता भी अपने कार्यों को बिना किसी भी विघ्न के पूरा करने के लिए गणेश जी की अर्चना सबसे पहले करते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि देवगणों ने स्वयं उनकी अग्रपूजा का विधान बनाया है। गणपति जी की पूजा करने से जीवन में संकटों का नाश होता है - धन , विद्या , विवेक आदि में बढ़ोतरी होती हैं। लेकिन बुधवार का ही दिन क्यों चुना गया गणेश जी की पूजा के लिए । इसके पीछे पौराणिक कथा हैं।
कहा जाता है कि जब गणेश जी की उत्पत्ति माता पार्वती के हाथों द्वारा हुई थी , तो उस वक़्त बुद्ध देवता स्वंम कैलाश पर मौजूद थे । इसी कारण भगवान गणेश की पूजा के लिए बुद्धवार के दिन को मान्यता दी गयी हैं ।
गणेश चतुर्थी पर दुर्ग विनायक मंदिर वाराणसी में कराएं गणपति बप्पा का विशेष पूजन - स्थापना से विसर्जन तक: 22 अगस्त 2020 - 1 सितम्बर 2020
बुधवार को गणेश जी पूजा करने का एक दूसरा कारण भी हैं । कहा जाता है की बुधवार को सौम्यवार भी कहा जाता है और गणेश जी को सौम्यता बहुत प्रिय हैं इसलिए बुधवार को गणेश जी का दिन माना गया हैं।
बुध को ग्रहों का राजकुमार भी माना जाता है। बुध को बुद्धि, वाकपटुता, कला, निपुणता, विचार, चरित्र, विद्या का कारक माना गया है। इन सभी चीजों पर अधिपत्य श्री गणपति जी का है, इसीलिए उन्हें प्रसन्न करने के लिए बुधवार के दिन उनकी विशेष रूप से पूजा की जाती है।
कहा जाता है कि बुधवार को गणेश जी की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-सौभाग्य बढ़ता है और उसके जीवन की सभी तरह की रुकावटें दूर होती हैं। बुधवार को गणेश जी की पूजा के साथ रिद्धि -सिद्धि की पूजा भी विशेष मंत्रोच्चारण के साथ करना शुभ माना जाता है।
यह भी पढ़े :-
Shradh 2020 Dates- जानें श्राद्ध प्रारम्भ तिथि एवं महत्व
श्राद्ध पूजा 2020 : क्या है विशेष, जानें मान्यता
श्राद्ध 2020 : कब से प्रारम्भ हो रहें है श्राद्ध, जानें महत्वपूर्ण तिथियाँ