हर साल गणेश चतुर्थी का त्योहार पूरे देश में मनाया जाता है। यह त्यौहार बहुत धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन इस साल महामारी के कारण, सभी को इस त्यौहार को घर पर मनाने के लिए कहा गया है। ज्योतिषाचार्य पं. नरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने बताया कि आज हम श्री गणेश जी के विवाह के बारे में बताने जा रहे हैं। आपने सुना होगा कि भगवान श्री गणेश जी की दो पत्नियां हैं। एक पौराणिक कथा के अनुसार, गणेश जी अपने शरीर की चिंता करते थे, गणेश जी को देखकर तुलसी देवी मोहित हो गईं और गणेश जी को विवाह के लिए कहा, लेकिन गणेश जी ने उनके प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया। इससे तुलसी देवि क्रोधित हो गईं और गणेश जी को शाप दे दिया, की तुम्हारे दो विवाह होंगे।
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जब गणेश जी की शादी में देरी होने लगी और कोई भी उनसे शादी करने के लिए तैयार नहीं हुआ, तो वह नाराज हो गए और देवताओं के विवाह में बाधा डाली। गणेश जी के इस कृत्य से देवता परेशान हो गए। तब सभी देवता ब्रह्माजी के पास पहुँचे। तब ब्रह्माजी ने अपनी दो मानस पुत्रियों ऋद्धि और सिद्धि को गणेश के पास भेजा। ऋद्धि और सिद्धि ने गणेश को शिक्षित, मोहित करना शुरू किया। रिद्धि और सिद्धि ने उनका ध्यान भंग किया। इस तरह, देवताओं के विवाह बिना बाधा के होने लगे। एक दिन ब्रह्मा जी ने गणेश के सामने रिद्धि-सिद्धि के सामने विवाह का प्रस्ताव रखा जिसे भगवान गणेश ने स्वीकार कर लिया। इस प्रकार रिद्धि और सिद्धि ने भगवान गणेश जी से विवाह किया........!!
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