काशी दुर्ग विनायक मंदिर में पाँच ब्राह्मणों द्वारा विनायक चतुर्थी पर कराएँ 108 अथर्वशीर्ष पाठ और दूर्बा सहस्त्रार्चन, बरसेगी गणपति की कृपा ही कृपा -10 सितम्बर, 2021
वो इस प्रकार हैं हमें चाहिए होंगी पांच सुपारी एक-एक पान के पत्ते के ऊपर हम एक-एक सुपारी रख देंगे पांच सिक्के जिन्हें हमें पान के पत्ते के ऊपर सुपारी के साथ में रखना है और अंत में पांच खड़ी हल्दी एक-एक हमें पान के पत्ते के ऊपर रख देने हैं सुपारी और सिक्के के साथ में के साथ ही हमें चाहिए होंगे पांच प्रकार के फल आप अपनी मर्जी के हिसाब से किसी भी प्रकार के ले सकते हैं श्री गणेश के लिए थोड़ा सा पंचामृत जिसको हम दूध ,दही, घी, शहद, गंगाजल और पंचमेवा से तैयार कर सकते हैं यहां पर ध्यान रखिए कि इस पंचामृत में आप तुलसी ना मिलाएं। थोड़े से फूल का उपयोग करें । जो गुलाब के, गेंदे के या कमल के हो।तथा श्री गणेश भगवान के लिए पितांबर वस्त्र का उपयोग करें। जिस आप श्री गणेशजी को पहनाएंगे। हम गणेश जी को भोग लगाने के लिए बेसन के लड्डू का उपयोग करेंगे या मोदक भी रख सकते हैं। गणेश जी को प्रेम से आप जो भी समर्पित करेंगे, वह गणेशजी वह स्वीकार करेंगे। हम एक नारियल भी लेंगे एक पात्र में जल। अंत में गणेश जी की आरती के लिए हमें चाहिए होगा एक मुखी दीपक हम तेल या घी के किसी भी दीपक का उपयोग कर सकते हैं दीपक के साथ धूप, कपूर आदि से भी भगवान श्री गणेश की आरती कर सकते हैं यह सारी चीजें आपकी श्रद्धा पर निर्भर करती हैं इन सारी चीजों के अलावा पूजा की थाली में श्री गणेश के लिए दुधवा घास और शमी पत्र रखना बिल्कुल भी ना भूलें।
• अब हम देखेंगे की पूजा कैसे करनी है
यह तो हमारी थाली तैयार हुई है सबसे पहले गणेश जी की पूजा करने के लिए हम दीप को प्रज्वलित कर लेंगे। सबसे पहले फूल पर चंदन चढ़ाकर दीपक को फूल चढ़ाएंगे। इस प्रकार दीपक का पूजन हो गया। अब हम गणेश जी का पूजन करेंगे। जिस प्रकार हमने दीपक का पूजन किया था। उसी प्रकार हम नारियल का भी पूजन करेंगे। उसके बाद हम शुरू करेंगे, गणेश भगवान का पूजन सबसे पहले सीधे हाथ में थोड़े से चावल और एक फूल लेंगे और फिर हम गणेश भगवान का आह्वान करेंगे। हवन करने के बाद पुष्प और चावल को उनके चरणों में समर्पित कर देंगे। इसके बाद हम मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे। अपने सीधे हाथ का अंगूठा भगवान श्री गणेश के हृदय से लगाकर 15 बार हम ओम बोलेंगे उसके पश्चात हम अपनी मनोकामना की प्रार्थना कर भगवान श्री गणेश भगवान आरती आरंभ करेंगे और आरती को गाकर पुष्प अर्पित कर प्रसाद चढ़ाएंगे और उस प्रसाद का वितरण सभी को करेंगे ।
सभी कामनाओं को पूरा करे ललिता सहस्रनाम - ललिता सप्तमी को करायें ललिता सहस्त्रनाम स्तोत्र, फ्री, अभी रजिस्टर करें
गणपति स्थापना और विसर्जन पूजा : 10 से 19 सितंबर
ललिता सप्तमी को ललिता सहस्त्रनाम स्तोत्र के पाठ से लक्ष्मी माँ की बरसेगी अपार कृपा, - 13 सितम्बर, 2021