घर बैठें श्राद्ध माह में कराएं विशेष पूजा, मिलेगा समस्त पूर्वजों का आशीर्वाद
माता संतोषी को प्रसन्न करने के लिए उनके श्लोक का जरूर जाप करें:
सुखदाता भाग्य विधाता जय करना संतोषी मां।
गए ग्नता गन बुध गता ऋद्धि सिद्धि दाता॥
शुभ होव तुज नाम ही लेते, सहाय को मां प्रेम से आये।
संतोषी मां मंगल करना, तुज व्रत करके सब हरखाये॥
मान्यता है कि माता संतोषी इस श्लोक से प्रसन्न होकर सुख समृद्धि का वरदान देती हैं और साथ ही साथ दीर्घायु का आशीर्वाद देती है ।
अगर सोलह शुक्रवार तक मां संतोषी का व्रत रखते हैं तो जीवन में परम संतोष की प्राप्ति होती है। इस कुंवारी लड़कियां यदि संतोषी माता के व्रत रखती हैं तो उनको सौभाग्य वर की प्राप्ति होती है और साथ ही साथ अपने और अपने पति की दीर्घायु का भी वरदान मिलता है । परीक्षा में सफलता मिलती है । अगर संतोषी माता की पूजा की जाए तो घर में खुशी और सकारात्मकता रहती है। धन की बरकत होती है एवं संतोषी माता सदैव अपने भक्तों की रक्षा करती है।
इस पितृ पक्ष गया में कराएं श्राद्ध पूजा, मिलेगी पितृ दोषों से मुक्ति : 01 सितम्बर - 17 सितम्बर 2020
संतोषी माता : व्रत विधि
- सूर्य उदय से पहले उठकर घर की सफाई करें और खुद स्नान करके शुद्ध हो जाए।
- उसके बाद घर के किसी पवित्र स्थान पर या मंदिर में संतोषी माता की मूर्ति या चित्र को स्थापित करें ।
- एक लोटे में शुद्ध जल भरकर रख उनके निकट रख दे ।
- गुड़ और चने का एक प्रसाद बनाकर एक कटोरी में भरकर उसे जल के लोटे के ऊपर रख दे ।
- उसके बाद संतोषी माता की कथा सुने और आरती करें।
- फिर चने और गुड़ का प्रसाद अपने घर परिवार में बांट दें और जल को तुलसी के पौधे में डाल दे ।
- इस विधि का पालन 16 शुक्रवार तक करें । ऐसा करने से संतोषी माता बहुत प्रसन्न होती है और दीर्घायु का आशीर्वाद देती है।
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