शिवयोग
सर्वार्थ सिद्धि योग और घनिष्ठा नक्षत्र में मनाया जाएगा
11 मार्च को चतुर्दशी तिथि रात्रि में प्राप्त होगी इसलिए योग रात्रि ,शुभ रात्रि, शिव और सत्य पूजन की रात्रि का महापर्व शिवरात्रि 11 को ही मनाया जाएगा ।
आज के दिन भगवान की चारों प्रहर पूजन से हम धर्म अर्थ काम मोक्ष को साध सकते हैं।
वैसे ही इस बार इस पर्व पर शिव योग का और सर्वार्थ सिद्धि योग का होना ज्योतिषी पृष्ठभूमि पर बहुत महत्व रखता है
11 मार्च 9 बजकर 24 मिनट तक शिव योग रहेगा। उसके बाद सिद्ध योग लग जायेगा। जोकि 12 मार्च सुबह 8 बजकर 29 मिनट तक रहेगा।
असाध्य ग्रह को भी साध सकते हैं । महापर्व के शिव योग में शिवरात्रि पर शिवयोग में आरंभ करें शिव पूजन
सभी लोगो को सर्वप्रथम गंगाजल मिश्रित जल से स्नान कर पीले वस्त्र धारण कर शिवलिंग के समक्ष अपने घर या किसी भी शिवालय मंदिर में बैठकर गंगाजल मिश्रित जल का पात्र रखें घी का दीप प्रज्वलित कर फिर भगवान पंचामृत से अभिषेक करें और पीला चंदन से लेप कर रोली से शिवलिंग पर 11 बार ॐ लिखे ,पीले पुष्प अर्पित करें और रुद्राष्टकम का पाठ करें।
शिव योग में ग्रहो के अनिष्ट प्रभावों को खत्म करने के लिए सभी ग्रह नक्षत्रों को अपनी जटा में साधने वाले देवों के देव महादेव का पूजन शिवयोग मैं करने से मंगल शनि राहु व केतु जैसे क्रूर ग्रहो के दुर्योगों से मिल सकती है मुक्ति वर्तमान समय में अंगारक योग गोचर में व्याप्त है जिसके प्रभाव से हर व्यक्ति विशेष को बचने के लिए भगवान शिव के पूजन के साथ निम्न मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला से करना चाहिए।
मंगल
के साथ बनने वाले अनिष्ट युगों की शांति के लिए
ॐ अंग अंगारकाय नमः 108 बार करें
शनि
शनि के अशुभ प्रभाव को खत्म करने के लिए
ॐ शं शनिश्चराय नमः
इस महाशिवरात्रि अपार धन ,वैभव एवं संपदा प्राप्ति हेतु ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग में कराएं रूद्राभिषेक : 11 मार्च 2021
राहु
राहु के ग्रह दोष निवारण के लिए
ॐ रां राहवे नमः
केतु
केतु के बीज मंत्र का जापॐ कें केतवे नमः व चंद्रमौलि भगवान के पूजन से कमजोर चंद्रमा की पीड़ा दूर करने के लिए पंचामृत से अभिषेक और ॐ सोम सोमाये नमः का जाप करना चाहिए ।
शिव योग -- ध्यान और समाधी का समन्वय है। इस समय किया जाप सिद्ध होता है
वही सर्वार्द्ध सिद्ध योग में पूजन और जाप सिद्ध करता हैं आप के मनोरथ
शिवरात्रि पर ऊर्जाओं का जगरित स्वरूप पृथ्वी पर रहता हैं । पूरे दिन सर्वार्द्ध सिद्ध योग में अपने मनोरथ पूरे करने के उद्देश्य से भोलेनाथ का पूजन इस तरह से करें ।
घर पर या मंदिर पर शिवलिंग पंचामृत से अभिषेक करें ॐ नमः शिवाय का जाप करते हुए
चंदन का लेप करें फिर धुले 21अखंडित बेलपत्रों में चंदन से ॐ लिख कर नमः शिवाय का जाप करते हुये अपनी कामना दोहराते हुए बेलपत्र अर्पित करें ।
रात्रि के चारो प्रहार भगवान का अभिषेक करे इस मंत्र के साथ
प्रथम प्रहर में-
‘ह्रीं ईशानाय नमः’मंत्र जाप के साथ दूध से करें अभषेक
दूसरे प्रहर में-
‘ह्रीं अघोराय नमः’ मंत्र जाप के साथ दही से
तीसरे प्रहर में-
‘ह्रीं वामदेवाय नमः’मंत्र जाप के साथ धृत से अभिषेक करें ।
चौथे प्रहर में-
‘ह्रीं सद्योजाताय नमः’मंत्र जाप के साथ शहद से अभिषेक करें ।
निशीथ काल पूजा मुहूर्त : 11 मार्च देर रात 12 बजकर 06 मिनट से 12 बजकर 55 मिनट तक
अवधि-48 मिनट की इस अवधि में पंचामृत से अभिषेक कर कंडे को प्रज्वलित कर
11 बार घी 11 टुकड़े कपूर 11 जोड़े लौंग अर्पित करे और हवन सामग्री में तिल अक्षत चीनी मिला कर 11 आहुति दे
धन वैभव प्राप्ति के लिए
ॐ नमोः भगवते रुद्राय नमः
सफलता,विद्या अर्जन
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो
स्वास्थ्य लाभ के लिए
ॐ हौं जूं सः स्व स्वहा
वैवाहिक सुख के लिए
ॐ सोमेश्वराय नमः'
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