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इस साल दिवाली 4 नवंबर की पड़ रही है, उससे पहले 28 अक्टूबर को पुष्य नक्षत्र पड़ेगा। इस नक्षत्र को खरीदारी और निवेश का महामुहूर्त भी कहा जाता है। हालांकि खास बात तो यह है कि इस साल जिस ग्रह दिशा में ये योग बन रहा है, वो करीब 677 साल बाद बन रहा है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार 28 अक्टूबर को गुरुवार पड़ने से दिन गुरु-पुष्य नक्षत्र रहेगा। इसके अलावा इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग भी बन रहा है।
गुरु-पुष्य नक्षत्र में करें इन चीजों में निवेश: गुरु पुष्य नक्षत्र में वैसे तो किसी भी चीज को खरीदा जा सकता है। लेकिन इस नक्षत्र में सोने की चीजें और वाहन खरीदने से शुभ परिणाम मिलते हैं। दरअसल, गुरु ग्रह पीली वस्तुओं के कारक हैं, तो वहीं शनि ग्रह लोहे के कारक हैं। इस दिन इन चीजों को खरीदने से लंबे समय तक लाभ मिलता है।
इसके अलावा आप चाहें तो प्रॉपर्टी आदि में भी निवेश कर सकते हैं। इस दिन मकान, प्लॉट, फ्लैट या फिर दुकान की बुकिंग करना शुभ माना जाता है। आप चाहें तो बर्तन, श्रृंगार का सामान, गहने और स्टेशनरी की चीजें भी खरीद सकते हैं।
677 साल पहले बना था ये योग: बता दें कि इससे पहले 5 नवंबर 1344 में यह योग बना था। इस दौरान गुरु-शनि ने मकर राशि में रहते हुए गुरु पुष्य योग बनाया था।
सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग: 28 अक्टूबर को गुरु-पुष्य योग के साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग भी बन रहा है। इन योग में किए गए सभी काम सिद्ध हो जाते हैं। जहां अमृत सिद्धि योग 28 अक्टूबर को सुबह 9.42 बजे से शुरू होगा वहीं सर्वार्थ सिद्धि योग पूरे दिन रहेगा।
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