मान- सम्मान और पद- प्रतिष्ठा में वृद्दि होगी।। के अनुसार इस शुभ योग में पूजन होने से मां लक्ष्मी की विशेष कृपा अपने भक्तों पर रहेगी. आएं जानते इस दिवाली का शुभ मुहूर्त किया है ,चार ग्रहों का मिलन आपके जीवन पर किया प्रभाव डालेगा
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-: लक्ष्मी पूजा शुभ मुहूर्त?
अमावस्या तिथि 04 नवंबर को सुबह 06 बजकर 03 मिनट से प्रारंभ होकर 05 नवंबर को सुबह 02 बजकर 44 मिनट पर समाप्त होगी। दिवाली पर लक्ष्मी पूजन मुहूर्त शाम 06 बजकर 09 मिनट से रात 08 बजकर 20 मिनट तक है। पूजन अवधि 01 घंटे 55 मिनट की है।
-: कैसे करें पूजा
• सर्वप्रथम पूजा का संकल्प लें
• श्रीगणेश, लक्ष्मी, सरस्वती जी के साथ कुबेर का पूजन करें
• ऊं श्रीं श्रीं हूं नम: का 11 बार या एक माला का जाप करें
• एकाक्षी नारियल या 11 कमलगट्टे पूजा स्थल पर रखें
• श्रीयंत्र की पूजा करें और उत्तर दिशा में प्रतिष्ठापित करें, देवी सूक्तम का पाठ करें.
-: मां लक्ष्मी को पुजा में किया भोग लगाएं ;
• मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए फलों में आप लक्ष्मी जी की पूजा में सिंघाड़ा,अनार, श्रीफल आदि अर्पित कर सकते हैं. दिवाली की पूजा में सीताफल को भी रखा जाता है. इसके अलावा दिवाली की पूजा में कुछ लोग ईख भी रखते हैं. सिंघाड़ा भी नदी के किनारे पाया जाता है इसलिए मां लक्ष्मी को सिंघाड़ा भी बहुत पंसद है. मिष्ठान में मां लक्ष्मी को केसरभात, चावल की खीर जिसमें केसर पड़ा हो, हलवा आदि भी बहुत पसंद हैं.
इसलिए बन रहा शुभ योग
• हिंदू कैंलेंडर के अनुसार 04 नवंबर 2021 गुरुवार को कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या की तिथि है. इस दिन धन की देवी लक्ष्मी जी की विशेष पूजा अर्चना की जाती है. वहीं इस दिन एक साथ चार ग्रहों की युति बन रही है. दिवाली पर तुला राशि में सूर्य, बुध, मंगल और चंद्रमा मौजूद रहेंगे जिसका तुला राशि के स्वामी शुक्र हैं. लक्ष्मी जी की पूजा से शुक्र ग्रह की शुभता में वृद्धि होती है. ज्योतिष शास्त्र में शुक्र को लग्जरी लाइफ, सुख-सुविधाओं आदि का कारक माना गया है. वहीं सूर्य को ग्रहों का राजा, मंगल को ग्रहों का सेनापति और बुध को ग्रहों का राजकुमार कहा गया है. इसके साथ ही चंद्रमा को मन का कारक माना गया है. वहीं सूर्य पिता तो चंद्रमा को माता कारक माना गया है.
-: चार ग्रहों को एक राशि में मिलने से होगा यह लाभ
• धन- लाभ होने के संकते।
• शुभ फल की प्राप्ति होगी।
• नौकरी और व्यापार में तरक्की के योग बनेंगे।
• मान- सम्मान और पद- प्रतिष्ठा में वृद्दि होगी।
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