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विभिन्न प्रकार की मालाएं और उनके उपयोग

आचार्य आदित्य Updated 26 Mar 2020 07:16 PM IST
Different types of garlands and their uses
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हिन्दू धर्म में पूजा पाठ का स्थान सर्वोपरि रहा है और उसमे माला को धारण करना एवं माला का मंत्र जाप में प्रयोग भी प्राचीन काल से हो रहा है। सभी देवी देवता से एक विशेष प्रकार की माला/मनका सम्बन्ध रखते हैं और उस माला को धारण करने से और उस माला पर उनका मंत्र जाप करने से फल की प्राप्ति कम समय में ही हो जाती है। ऐसी कुछ विशेष मालाएं निम्नलिखित हैं


तुलसी की माला
तुलसी की माला वैष्णव भक्तों में प्रचलित है और इसे धारण करने से मन को शांति मिलती है और दुष्कर्म करने की प्रवृति से मुक्ति मिलती है। ये भी माना जाता है की जिस मनुष्य के गले में तुलसी की कंठी होती है उसे मृत्युपर्यन्त मुक्ति मिलती है और यम की त्रास नहीं भोगनी पड़ती। भगवन विष्णु के अष्टाक्षर मंत्र का जाप तुलसी की माला पर करने से विशेष लाभ मिलता है और उनका सामीप्य प्राप्त होता है। तुलसी की माला धारण कर स्नान करने से सभी पवित्र नदियों में स्नान करने का पुण्य प्राप्त हो जाता है और निरोगी काया रहती है। 
कमल गट्टा की माला
कमल गट्टा की माला माँ लक्ष्मी से सम्बंधित है और इसे धारण करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है। कमल गट्टा  माला पर लक्ष्मी मंत्र का जाप करने से भी दारिद्य और आर्थिक परेशानी का शमन होता है। १०८ मनके की कमल गट्टा की माला श्री यन्त्र को अर्पित करने से भी आर्थिक और व्यावसायिक परेशानियां दूर होती हैं। श्री सूक्तम एवं श्री कनक धारा स्तोत्र का पाठ कमल गट्टे की माला पर करने आर्थिक, वैवाहिक और मानसिक चिंताओं का शमन होता है और माँ लक्ष्मी पाने भक्त पर प्रसन्न रहती हैं।
वैजन्ती की माला
वैजन्ती की माला भगवन श्री कृष्ण/ श्री विष्णु से सम्बन्ध रखती है। जिस व्यक्ति विशेष को क्रोध अधिक आता हो या मन परेशानियों से घिरा रहता हो उसे यह माला धारण करनी चाहिए। विवाह में विलम्ब हो या वर/ वधु के चयन में परेशानी अति हो तो वैजन्ती माला पर श्री विष्णु के मंत्र का जाप करने से परेशानी दूर हो जाती है। वैजन्ती की माला आकर्षण करने का भी स्वाभाव रखती है इसलिए इसे धारण करने से मनुष्य के स्वभाव और व्यक्तित्व में भी आकर्षण अत है।
रुद्राक्ष की मालारुद्राक्ष को किसी भी प्रकार के परिचय की आवश्यकता नहीं है और इसे धारण करने से मनुष्य पाप रहित हो जाता है और सद्मार्ग की ओर अग्रसर होता है। भगवन शंकर की कृपा प्राप्त होती है, क्रोध का शमन होता है, रोग मुक्ति होती है, अकाल मृत्यु से मुक्ति मिलती है, कष्ट कलेश से मुक्ति मिलती है और संचित पापों की नाश होता है। रुद्राक्ष १ से २८ मुखी वाले होते हैं और १०८ मनके की रुद्राक्ष की माला या केवल एक रुद्राक्ष ही धारण करना मनुष्य के लिए एक आशीर्वाद के सामान है।
हल्दी की माला
हल्दी की माला का निर्माण हल्दी की गांठ से किया जाता है। इस माला का विशेष प्रयोग देवी बगलामुखी के मंत्र जाप के लिए किया जाता है। शत्रु पीड़ा एवं क्रूर ग्रह पीड़ा को समाप्त करने के लिए इस माला को धारण भी किया जाता है और इस पर मंत्र जाप भी किया जाता है। बृहस्पति से सम्बंधित दोष भी इस माला को धारण करने से दूर हो जाते हैं एवं रोग मुक्ति और आर्थिक लाभ भी इस माला को धारण करने से/ जाप करने से प्राप्त हो जाते हैं।
चन्दन की माला
चन्दन की माला श्री राम, भगवन विष्णु और श्री कृष्ण से सम्बन्ध रखती है और उनसे जुड़े मन्त्रों का जाप करने के लिए प्रयोग में लायी जाती है।चन्दन की माला धारण करने वाले मनुष्य मन सदैव शांत रहता है और क्रोध नियंत्रण में रहता है। रोग का शमन होता है और स्वभाव में नरमी आने से ऐसे मनुष्य के मित्र अधिक हो जाते हैं। रक्त चन्दन का प्रयोग देवी दुर्गा की उपासना में किया जाता है और इसके प्रयोग से/ धारण करने से मंगल ग्रह की शांति भी हो जाती है। रक्त चन्दन की माला पर मंगल के मंत्र जाप से भी पूर्ण लाभ मिलता है और मंगल शांत रहते हैं।
स्फटिक की माला
स्फटिक की माला धारण करने से मनुष्य में पवित्रता अति है और पुण्य उदय होते हैं। स्फटिक की माला धारण करने से और मंत्र जाप करने से शुक्र से सम्बंधित दोष दूर होते हैं। कमल गट्टे की तरह स्फटिक की माला भी माँ लक्ष्मी की आराधना और मंत्र जाप में उपयोग में लायी जाती है। 
मोती की माला
मोती की उत्पति जल से होने के कारण इसकी माला धारण करने से शांति की अनुभूति होती है। मोती की माला धारण करने से चंद्र सम्बंधित दोष दूर होते हैं। इसे धारण करने से सांसारिक वस्तुएं भी प्राप्त होती हैं और धन की प्राप्ति भी होती है।
मूंगे की माला
मूंगे का सम्बन्ध मंगल से है और मूंगे की माला धारण करने से मंगल जनित दोष का शमन होता है। मन और स्वाभिमान में वृद्धि होती है और क्रोध शांत होता है। मूंगे की माला गणपति को अर्पित करना भी बहुत शुभ माना जाता है। इससे रक्त सम्बन्धी दोष भी समाप्त होते हैं और ऊपरी बाधा की भी शांति होती है।
हकीक की माला
हकीक का पत्थर लाल, पीला, हरा, काला रंग में प्राप्त होता है और रंग के अनुसार विभिन्न ग्रह से जनित पीड़ा का नाश करता है। जैसे काले हकीक की माला से शनि, राहु और केतु की शांति होती है वैसे ही पीला हकीक धारण करने  से बृहस्पति जनित दोष से निवृति मिलती है। भगवन भैरव की साधना में भी हकीक की माला का प्रयोग जाप के लिए किया जाता है। इसे धारण करने से मान सम्मान और सुख की प्राप्ति होती है।
पुत्र जीवा माला
अपने नाम के अनुसार इस माला को पुत्र प्राप्ति के लिए धारण किया जाता है। पुत्र प्राप्ति के अलावा इस माला से निरोगी काया और सात्विक विचार भी प्राप्त किये जाते हैं। कुंडली में सूर्य जनित दोष भी इस माला को धारण करने से शांत होते हैं।

शुभाशीष 
आचार्य आदित्य


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