myjyotish

6386786122

   whatsapp

6386786122

Whatsup
  • Login

  • Cart

  • wallet

    Wallet

विज्ञापन
विज्ञापन
Home ›   Blogs Hindi ›   Dharm and Dharmikta move from religion to righteousness

Dharm aur Dharmikta: धर्म से धार्मिकता की ओर बढ़े

Myjyotish Expert Updated 22 Mar 2022 03:50 PM IST
धर्म से धार्मिकता की ओर बढ़े
धर्म से धार्मिकता की ओर बढ़े - फोटो : google
विज्ञापन
विज्ञापन

धर्म से धार्मिकता की ओर बढ़े


धर्म क्या है और धार्मिकता क्या है? धर्म के 2 आयाम है एक कटृरता और दूसरा धार्मिकता कटृरता जहां धर्म रुक जाता है। धार्मिकता- जहां धर्म प्रवाहित रहता है ।कटृरता कर्मकांड में ले जाती है। धार्मिकता जीवंतता में ली जाती है ।धर्म या तो आगे बढ़ेगा या पीछे जाएगा। अगर धर्म जीवंत नहीं है तो कटृरता उसकी नियति है।

धर्म क्या है? धर्म है एक सत्य और सत्य हर व्यक्ति का अलग -अलग होता है। धार्मिकता क्या है? परम सत्य है। परम सत्य अलग- अलग नहीं होता। जो तुम्हारा सत्य है किसी और का सत्य नहीं है। सत्य क्या है? जिससे तुम  विकसित होते हो, वही तुम्हारा सकते हैं ।और परम सत्य क्या है परम सत्य वही है ,जिससे यह अस्तित्व निर्देशित है ,जिससे अस्तित्व संचालित है। परम सत्य अलग-अलग नहीं होता ।लेकिन सत्य अलग अलग होता है।

अष्टमी पर माता वैष्णों को चढ़ाएं भेंट, प्रसाद पूरी होगी हर मुराद 

जैसे कोई व्यक्ति पहुंचता है गौतम बुद्ध के पास। कहता है, परमात्मा है? गौतम बुध कहते हैं ,अगर है तो क्या करोगे? तो कहता है करूंगा क्या फिर कुछ करने की जरूरत ही क्या है? सब करना धरना छोड़ कर के बैठ जाऊंगा और जो करना है परमात्मा को करना है ।गौतम बुध कहते हैं नहीं मित्र परमात्मा नाम की कोई चीज नहीं है ।वह व्यक्ति चला जाता है ।दोपहर को एक दूसरा व्यक्ति आता है पूक्षता है आप क्या कहते हो परमात्मा है या नहीं? गौतम बुध कहते हैं यदि मैं कहूं कि नहीं है तो क्या करोगे? उसने कहा तब तो मजा है चोरी करूंगा, डकैती करूंगा,कोई देखने वाला नहीं। गौतम बुद्ध ने कहा नहीं वह है और सब कुछ दिखता है, सब का हिसाब रखता है।

वह व्यक्ति चला जाता है ।फिर तीसरा व्यक्ति शाम को आता है कहता है आप क्या कहते हो परमात्मा है या नहीं? गौतम बुध ने कहा यदि मैं कहूं कि है तो क्या करोगे? मैं कहूं कि नहीं तो क्या करोगे ?उस व्यक्ति ने कहा मुझे क्या करना आप कहोगे तो मैं मान लूंगा और आप नहीं कहोगे तो मैं मान लूंगा कि वह नहीं है। मुझे क्या करना है गौतम बुध ने कहा 'नहीं, वह है भी और नहीं भी है। तुम खोजों। वह चला जाता है।

इस नवरात्रि कराएं कामाख्या बगलामुखी कवच का पाठ व हवन। 

आनंद तो परेशान है रात को। सोना चाहता है पर सो नहीं पाता है। गौतम बुद्ध ने कहा 'आनंद' आज तुम कुछ परेशान लगते हो। आनंद ने कहा तीन व्यक्ति आय तीनों को आपने अलग-अलग उत्तर दिया गौतमबुद्ध ने कहा ,तुम क्यों परेशान हो?  जिनको उत्तर दिया गया उत्तर तो उनके लिए थे।आनंद ने कहा, लेकिन मैं सुन तो रहा था। तीनों उत्तर अलग-अलग थें।गौतम बुद्ध ने बड़ी प्यारी बात कही। कहा ,संत हमेशा सत्य कहता है। और सत्य वही है सामने वाले को विकसित करें ।पहले व्यक्ति को मैंने वही कहा, जो उसको विकसित कर सकता था। दूसरे को भी वही कहा, जो उसे विकसित कर सकता था। और तीसरे को भी वही कहा, जो उसे विकसित कर सकता था ।तो सत्य अलग -अलग व्यक्ति के लिए अलग- अलग होता है।

धर्म अलग- अलग व्यक्ति के लिए अलग अलग हो सकता है ।लेकिन परम धर्म एक ही होता है और परम धर्म का नाम है धार्मिकता। 
धर्म जीवन की एक शैली है, धार्मिकता जीवन का प्रवाह है। धर्म और धार्मिकता में बहुत अंतर है।

अधिक जानकारी के लिए, हमसे instagram पर जुड़ें ।

अधिक जानकारी के लिए आप Myjyotish के अनुभवी ज्योतिषियों से बात करें।
 
  • 100% Authentic
  • Payment Protection
  • Privacy Protection
  • Help & Support
विज्ञापन
विज्ञापन


फ्री टूल्स

विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms and Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।

Agree
X