चतुर्मास भी देवउठनी एकादशी से समाप्त हो जाता है:- ऐसी मान्यता है कि देवउठनी एकादशी पर श्री भगवान विष्णु जी चार महीने की निद्रा से उठते है और वापस से सृष्टि का कार्य-भार संभालते है, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की इसी एकादशी पर भगवान विष्णु ने माता तुलसी संग विवाह किया था, यही कारण है कि इस दिन तुलसी विवाह करने की भी परंपरा है देवउठनी एकादशी पर तुलसी विवाह करना बेहद शुभ होता है, पारिवारिक या वैवाहिक जीवन काफी सुखद व्यतीत होता है।
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देवउठनी एकादशी का शुभ मुहूर्त
इस साल देवउठनी एकादशी 25 नवंबर बुधवार को है, इस तिथि को 02:45 मिनिट से शुरू होकर, 26 नवंबर 2020 को 05 बजकर 10 मिनट तक रहेगी, ऐसी मान्यता है कि आषाढ़ शुक्ल एकादशी के दिन भगवान गहरी निद्रा में सो जाते हैं और कार्तिक मास की देवउठनी एकादशी को शुभ मुहूर्त में जागते है.!
नवंबर-दिसंबर में शादियों के शुभ मुहूर्त
वैसे इस नवंबर दिसंबर में शादियों के शुभ मुहूर्त काफी कम है, अगले साल भी अर्थात वर्ष 2021 में भी गुरु और शुक्र के अस्त होने के कारण शादियों के मुहूर्त काफी कम हैं, आपको बता दें कि 17 जनवरी से 15 फरवरी के बीच देव गुरु अस्त हो जायेंगे, ऐसे में इस दौरान शहनाईयां नहीं बजेंगी, वर्ष 2020 का अंतिम विवाह मुहूर्त 13 दिसंबर को है, जिसके बाद सीधे अप्रैल 2021 में ही शहनाई की गुंज सुनाई देगी।
आइये जानते हैं साल 2020 के नवंबर और दिसंबर में पड़ने वाले शुभ विवाह मुहूर्त :-
27 नवंबर, शुक्र कार्तिक शु. द्वादशी अश्विनी नक्षत्र
29 नवंबर, रवि कार्तिक शु. चतुर्दशी रोहिणी नक्षत्र
30 नवंबर, सोम कार्तिक पूर्णिमा रोहिणी नक्षत्र
1 दिसंबर, मंगल मार्गशीर्ष कृ. प्रतिपदा रोहिणी नक्षत्र
7 दिसंबर, सोम मार्गशीर्ष कृ. सप्तमी मघा नक्षत्र
9 दिसंबर, बुध मार्गशीर्ष कृ. नवमी हस्त नक्षत्र
10 दिसंबर, गुरु मार्गशीर्ष कृ. दशमी चित्रा नक्षत्र
11 दिसंबर, शुक्र मार्गशीर्ष कृ. एकादशी चित्रा नक्षत्र
12 ओर 13 दिसंबर में कुछ पंचांगों में मुहूर्त है...!!
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