इस दिन मुख्य रूप से भगवान सूर्य की पूजा की जाती है। हिंदू धर्म में सूर्य को साक्षात भगवान माना गया है, क्योंकि वे रोज हमें दर्शन देते हैं और उन्हीं के प्रकाश से हमें जीवनदायिनी शक्ति प्राप्त होती है। धर्म शास्त्रों के अनुसार, रोज सूर्य की उपासना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं।
- पूजा विधि
- इसके बाद भगवान सूर्य को लाल फूल, लाल वस्त्र व रक्त चंदन अर्पित करें। धूप-दीप दिखाएं तथा पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएं। अंत में हाथ जोड़कर सूर्यदेव से प्रार्थना करें। इसके बाद नीचे लिखे शिव प्रोक्त सूर्याष्टक का पाठ करें-
दिवाकर नमस्तुभ्यं प्रभाकर मनोस्तु ते।।
सप्ताश्चरथमारूढं प्रचण्डं कश्यपात्ममज्म।
श्वेतपद्मधरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्।।
लोहितं रथमारूढं सर्वलोकपितामहम्।
महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यम्।।
त्रैगुण्यं च महाशूरं ब्रह्मविष्णुमहेश्वरम्।
महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यम्।।
बृंहितं तेज:पुजं च वायु माकाशमेव च।
प्रभुं च सर्वलोकानां तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्।।
बन्धूकपुष्पसंकाशं हारकुण्डलभूषितम्।
एकचक्रधरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्।।
तं सूर्यं जगत्कर्तारं महातेज: प्रदीपनम्।
महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्।।
तं सूर्य जगतां नाथं ज्ञानविज्ञानमोक्षदम्।
महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणामाम्यहम्।।
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इस प्रकार सूर्य की उपासना करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को भगवान सूर्य की पूजा करने का विधान है। इस पर्व को सूर्य षष्ठी व्रत के रूप में मनाया जाता है। इस बार ये व्रत 20 नवम्बर, शुक्रवार को है। यह दिन सूर्य की पूजा और उससे जुड़े उपाय करने के लिए खास माना जाता है।
घर की 8 खास जगहों पर रखें तांबे के सूर्य, हर काम में मिलेगा दोगुना फल
वास्तु पंच तत्वों पर आधारित है । ये पंच तत्व है अग्नि, वायु, पानी, पृथ्वी व आकाश । सूर्य भी अग्नि का ही स्वरूप माना गया है । सूर्य भी वास्तु शास्त्र को प्रभावित करता है । अगर वास्तु अनुसार घर की इन 8 जगहों पर तांबे के सूर्य को दीवार पर लगाया जाएं तो हर इच्छा पूरी की जा सकती है ।
- रात 12 से 3 बजे तक सूर्य पृथ्वी के उत्तरी भाग में होता है । उत्तर धन की दिशा होती है । अगर धन की कमी हो तो घर में जहां कीमती वस्तुओं या जेवरात आदि रखें हो, वहां तांबे की सूर्य प्रतिमा लगाने से घर में कभी पैसों की कमी नहीं होती ।
- रात 3 से सुबह 6 बजे तक सूर्य पृथ्वी के उत्तर-पूर्वी भाग में होता है । यह समय चिंतन व अध्ययन का होता है । बच्चे पढ़ाई में कमजोर हो तो स्टडी रुम या बच्चों के कमरे में सूर्य प्रतिमा लगाने से पढ़ाई में सफलता मिलती है ।
- सुबह 6 से 9 बजे तक सूर्य पृथ्वी के पूर्वी हिस्से में रहता है । इस समय सूर्य की रोशनी रोगों से बचाती है । घर में अगर बीमारियाँ ज्यादा हो तो हाॅल में सूर्य प्रतिमा लगानी चाहिए, जहां घर के सभी सदस्य ज्यादा से ज्यादा समय बिताते हों ।
- सुबह 9 से दोपहर 12 बजे तक सूर्य पृथ्वी के दक्षिण-पूर्व में होता है । यह समय भोजन पकाने के लिए उत्तम होता है । इसलिए घर के किचन में तांबे की सूर्य प्रतिमा लगाने से घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती ।
- दोपहर 12 से 3 बजे के दौरान सूर्य दक्षिण में होता है, इसे विश्रांति काल (आराम का समय) मानते है । अगर घर में अशांति या झगड़े का माहौल रहता है तो घर के मुखिया के बेडरूम में सूर्य प्रतिमा लगाने से कोई परेशानी नहीं आती ।
- दोपहर 3 से शाम 6 के दौरान सूर्य दक्षिण-पश्चिम भाग में होता है। यह समय अध्ययन और कार्य का समय होता है । व्यापार में नुकसान हो रहा हो तो ऑफिस या दुकान में सूर्य प्रतिमा लगाने पर बिजनेस में लगातार तरक्की होती है ।
- शाम 6 से रात 9 में सूर्य पश्चिम दिशा की ओर आता है । इस समय में देव पूजा और ध्यान के लिए अच्छा मानते है । इसलिए घर के मंदिर में तांबे की सूर्य प्रतिमा लगाने से घर-परिवार पर सूर्य देव की कृपा बनी रहती है ।
- रात 9 से मध्य रात्रि के समय सूर्य उत्तर-पश्चिम में होता है । घर के बेडरूम में तांबे की सूर्य प्रतिमा लगाने पर वहां रहने और सोने वालों को मान-सम्मान की प्राप्ति होती है।
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