myjyotish

6386786122

   whatsapp

8595527218

Whatsup
  • Login

  • Cart

  • wallet

    Wallet

विज्ञापन
विज्ञापन
Home ›   Blogs Hindi ›   Chandrayaan-3: Know from the point of view of astrology how it will play a role in building the future

Chandrayaan-3: आने वाले भविष्य के निर्माण में कैसी रहेगी इसकी भूमिका जाने ज्योतिष के नजरिये से

Acharya RajRani Updated 14 Jul 2023 03:20 PM IST
Chandrayaan-3: आने वाले भविष्य के निर्माण में कैसी रहेगी इसकी भूमिका जाने ज्योतिष के नजरिये से
Chandrayaan-3: आने वाले भविष्य के निर्माण में कैसी रहेगी इसकी भूमिका जाने ज्योतिष के नजरिये से - फोटो : google
मिशन चंद्रयान की सफलता को लेकर हम पूरी तरह से तैयार है. इसे शुक्रवार, 14 जुलाई को दोपहर 02:35 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो के इस चंद्र मिशन से पूरे देश को काफी उम्मीदें हैं.  

सावन शिवरात्रि पर 11 ब्राह्मणों द्वारा 11 विशेष वस्तुओं से कराएं महाकाल का सामूहिक महारुद्राभिषेक एवं रुद्री पाठ 2023

चंद्रयान की सफलता को लेकर कई तरह के कार्य वैज्ञानिक अपनी ओर से कर रहे हैं लेकिन वहीं अगर बात की जाए ज्योतिष अनुसार इसकी सफलता को समझने कि कोशिश कर सकते हैं. इस स्थिति को हम कई तरह से देख कर इसके अच्छे और खराब सभी तरह के परिणामों को समझने के लिए ज्योतिष की सहायता द्वारा जान सकते हैं. 

14 जुलाई को चंद्रयान 3 की सफलता का मापदंड ग्रहों की स्थिति एवं गोचरिय पक्ष द्वारा निर्धारित होगा. चंद्रयान-3 करीब 23 या 24 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने की उम्मीद लिए है और वैज्ञानिकों की निगाहें इस ओर लगी हुई हैं. आईये ज्योतिष द्वारा इसे समझने की कोशिश करते हैं. 

लंबी आयु और अच्छी सेहत के लिए इस सावन सोमवार उज्जैन महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में कराएं रुद्राभिषेक 04 जुलाई से 31अगस्त 2023

इस समय ग्रहों की स्थिति अनुसार कई मामलों में कई बातें बेहद महत्वपूर्ण होने वाली हैं इस समय शनि और मंगल की स्थिति का प्रभाव प्रबल है तथा वहीं चंद्रमा की स्थिति मजबूत रुप से वृषभ राशि में निर्मित होती है. अगर इस समय के नक्षत्रों की स्थिति को देखा जाए तो राहु केतु के नक्षत्र की स्थिति का असर मंगल शनि और शुक्र पर प्रभावी रुप से है. बृहस्पति का प्रभाव राहु के साथ होने के कारण चीजें कुछ चिंताओं को भी दिखाती हैं. अगर 23 से 24 अगस्त की बात करें तो उस समय चंद्रमा का केतु के साथ होना और गुरु की दृष्टि का प्रभाव, सूर्य शनि का आपसी दृष्टि संबंध कई मायनों में लैंडिंग को काफी जटिल कर सकता है. 

इसरो का तीसरा चंद्र मिशन
यह इसरो का तीसरा चंद्र मिशन है. चंद्रयान-1 को वर्ष 2008 में सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया था, जब इसरो ने चंद्रमा की सतह पर पानी के अणुओं की खोज की थी. इसके बाद साल 2019 में सितंबर 2019 में चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग के आखिरी क्षणों में चंद्रयान-2 क्रैश हो गया था. चंद्रयान की विफलता से मिशन से जुड़े वैज्ञानिक भी काफी निराश थे. चंद्रयान-2 मिशन किन कारणों से सफल नहीं हो सका,

मात्र रु99/- में पाएं देश के जानें - माने ज्योतिषियों से अपनी समस्त परेशानियों 

इसका अध्ययन करने के बाद ही चंद्रयान-3 को कई स्तरों पर अपग्रेड किया गया है, ताकि इस बार मिशन की सफलता सुनिश्चित की जा सके और इस की सफलता के लिए भगवान का आशीर्वाद भी लिया गया है. इसरो के प्रमुख एस सोमनाथ ने चंद्रयान-3 के मिशन की सफलता के लिए चेंगलम्मा परमेश्वरिनी मंदिर में पूजा-अर्चना भी की  और इसकी सफलता को लेकर यह स्थिति विज्ञान और आस्था के अदभुद संगम का गवाह भी बन गई है.

 
  • 100% Authentic
  • Payment Protection
  • Privacy Protection
  • Help & Support


फ्री टूल्स

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms and Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।

Agree
X