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चंद्र ग्रहण 2020 : चंद्र ग्रहण का राशियों पर कैसा होगा प्रभाव

Myjyotish Expert Updated 02 Jul 2020 02:35 PM IST
चंद्र ग्रहण का राशियों पर कैसा होगा प्रभाव
चंद्र ग्रहण का राशियों पर कैसा होगा प्रभाव - फोटो : Myjyotish
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चंद्र ग्रहण 2020 : 5 जुलाई को होने वाला चंद्र ग्रहण गुरु पूर्णिमा , रविवार के दिन होने वाला है। यह इस वर्ष का तीसरा चंद्र ग्रहण है। इससे पहले एक महीने के अंतराल में ही दो और ग्रहण हुए है। इसमें से एक ग्रहण 5 जून को हुआ था जो की चंद्र ग्रहण था।  वही दूसरा ग्रहण 21 जून को हुआ था जो की एक सूर्य ग्रहण था। यह दोनों ही ग्रहण भारत में देखे गए थे । यह एक उपछाया चंद्र ग्रहण होगा। सामान्य चंद्र ग्रहण की स्थिति में पृथ्वी सूर्य और चंद्र माँ के मध्य आ जाती है तथा यह तीनों ही ग्रह एक सीधी कतार में होतें है। जब की उपछाया चंद्र ग्रहण के दौरान यह तीनों ग्रह एक सीधी कतार में नहीं होते है जिसके कारण चन्द्रमा पर पृथ्वी की बहुत कम छाया होती है। इसलिए ग्रहों द्वारा जब ऐसी खगोलीय स्थिति उत्पन्न होती है तब उपछाया चंद्र ग्रहण होता है।
 
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किस राशि में लगने वाला है यह चंद्र ग्रहण ?

यह चंद्र ग्रहण धनु राशि में लगने वाला है जिस समय सूर्य की स्थिति मिथुन राशि में होगी। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार माने तो सूर्य एवं चंद्र ग्रहण शुभ घटनाएं नहीं है। कहा जाता है की प्रत्येक ग्रहण काल में ग्रह पीड़ित होते है जिसका प्रभाव मनुष्यों पर भी पड़ता है। ज्योतिष के अनुसार गुरु ग्रह ने कुछ दिन पहले ही धनु राशि में प्रवेश किया है जहा पहले से ही राहु अपना स्थान बनाएं बैठें हुए थे। कथन की माने तो ग्रहण काल में बृहस्पति एवं राहु का एक साथ होना धनु राशि को बहुत प्रभावित कर सकता है। इस दौरान चंद्र माँ पर ग्रहण होगा जिसके कारण इस राशि के जातकों के लिए चन्द्रमा की कृपा अन्य राशियों से थोड़ी अधिक कम होगी। ऐसा होने पर मन अशांत होना , परेशान होना तथा नकारात्मक विचारों से मन विचलित होने से बचना आवश्यक है।

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ग्रहण के समय नियमों का पालन न करने से नाराज हो जातें है शनि देव

ग्रहण काल में मानव को भी कमजोर माना जाता है। इसलिए आवश्यकता होती है की ग्रहण के प्रत्येक नियमों को लेकर व्यक्ति ध्यानपूर्वक रहे। ग्रहण के समय अनजान सड़कों पर अकेले न निकले। कहा जाता है की ग्रहण काल में किसी भी प्रकार की गलती शनि देव की नाराजगी का कारण बन सकती है। इसके कारण व्यक्ति को अपने जीवन का एक लंबा समय शनि देव की पीड़ा को सहन करके गुजरना होता है। इसलिए व्यक्ति को ग्रहण काल में कोई भूल नहीं करनी चाहिए। साथ ही ग्रहण का समय समाप्त होतें ही स्नान कर लेना चाहिए। इससे ग्रहण के प्रभाव समाप्त हो जातें है।
 

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