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Home ›   Blogs Hindi ›   Chaitra purnima 2021 : significance of vishnu and hanuman pooja vrat vidhi auspicious timings

जानें चैत्र पूर्णिमा व्रत के विशेष महत्व, इस दिन भगवान विष्णु व हनुमान जी की पूजा क्यों की जाती है

Myjyotish Expert Updated 26 Apr 2021 01:05 PM IST
purnima
purnima - फोटो : Google
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हिंदू धर्म के कैलेंडर के अनुसार इस बार 27 अप्रैल यानी कल  मंगलवार  के दिन चैत्र पूर्णिमा व्रत है, इस दिन को चैत पूनम या मधु पूर्णिमा के नाम से भी मनाया जाता  है। इस व्रत का हिंदू धर्म  में बहुत विशेष महत्व होता है जिसे लोग बहुत ही धूमधाम से मनाते है  और माना जाता है कि इस दिन भगवान श्री विष्णु की पूजा करने से भक्तों के सारे दुख दूर होते है और विशेष लाभ भी प्राप्त होता है। 

बता दें कि इसी दिन  भगवान हनुमान जी का भी जन्म हुआ था और मान्यताओं के अनुसार हनुमान जी की पूजा करने से विशेष लाभ होता है। तो आइये जानते हैं इस चैत्र पूर्णिमा व्रत के बारे में कुछ विशेष महत्व....

चैत्र पूर्णिमा  शुभ मुहूर्त-
पूर्णिमा तिथि आरम्भ: 26 अप्रैल 2021, सोमवार, दोपहर 12 बजकर 44 मिनट से ।
पूर्णिमा तिथि समाप्त: 27 अप्रैल, 2021, मंगलवार, सुबह 09 बजकर 01 मिनट तक ।
 
चैत्र पूर्णिमा व्रत का महत्व-
कहां जाता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से भक्त के सभी   पापों से मुक्ति मिल जाती है।

साथ ही साथ गरीब-निर्धनों को दान पुण्य करने से स्वर्ग की प्राप्ती होती है व सुख-सुविधाएं प्राप्त होती है।

चैत्र पूर्णिमा नव संवत्सर की सर्वप्रथम पूर्णिमा मानी जाती है। इस दिन हनुमान जयंती भी मनाई जाती है। माना जाता है  कि  इसी दिन मां अंजनी के कोख से हनुमान जी का जन्म हुआ था। ऐसे में उनकी पूजा करने से  आत्मबल और साहस की प्राप्ति होती है। 

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इस शुभ अवसर के दिन पर भगवान विष्णु की पूजा करने का भी विशेष महत्व होता है। ऐसे में यदि  घर में सत्यनारायण स्वामी की विधिपूर्वक पूजा करने से जातक को विशेष फल की प्राप्ति होती है और सभी प्रकार के कष्टों और दोषों दूर होते है।

चैत्र पूर्णिमा व्रत
सुबह उठकर सबसे पहले  स्नान आदि करें।
फिर चैत्र पूर्णिमा  व्रत का संकल्प लें।

नहाने के समय सूर्य भगवान की पूजा करें व उनका मंत्र जाप करते हुए अर्घ्य दें।
उसके बाद मधुसूदन की पूजा करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते है और नैवेद्य अर्पित करने से प्रसन्न होते है।
फिर गरीब निर्धनों या जरूरतमंदों को अपनी इच्छा के अनुसार दान दक्षिणा देना चाहिए जिससे घर में सुख शांति बनी रहती है।

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