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Home ›   Blogs Hindi ›   Chaitra Navratri 2022: Rare combinations of planetary constellations are being formed in Chaitra Navratri this year

Chaitra Navratri 2022: इस वर्ष चैत्र नवरात्र में बन रहे है ग्रह नक्षत्रों के दुर्लभ संयोग

ज्योतिषाचार्य पं.सौरभ त्रिपाठी Updated 28 Mar 2022 11:40 AM IST
chaitra navratri 2022
chaitra navratri 2022 - फोटो : google
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इस वर्ष चैत्र नवरात्र में बन रहे है ग्रह नक्षत्रों के दुर्लभ संयोग
 

चैत्र मास हिंदू नववर्ष का पहला महीना होता है. इस महीने की प्रतिपदा तिथि से नवमी तिथि तक मां दुर्गा की उपासना की जाती है, इस साल चैत्र नवरात्रि 02 अप्रैल, शनिवार से आरंभ हो रही हैं.

इस तरह रहेगी नवरात्र में ग्रहों की स्थिति-

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस वर्ष चैत्र नवरात्र में ग्रह नक्षत्रों के संयोग से दुर्लभ योग बनने जा रहे है। ग्रहों की स्थिति की बात की जाये तो मकर राशि में मंगल व शनि एक साथ विराजमान रहेंगे। शनि-मंगल के इस युति योग से पराक्रम में वृद्धि होगी. साथ ही कार्यों में सफलता और मनोकामना पूर्ति के भी योग बनेंगे. इसके अतिरिक्त चैत्र नवरात्रि की अवधि में कुंभ राशि में गुरु और शुक्र की युति योग बन रहा है. साथ ही साथ मेष राशि में चंद्रमा, वृषभ राशि में राहु, वृश्चिक में केतु और मीन राशि में सूर्य और बुध विराजमान रहेंगे. 

इस तरह से बनेंगे नवरात्र में शुभ योग-

स्थानीय पञ्चाङ्ग अनुसार देखा जाये तब नवरात्रि के दौरान रवि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि पुष्य नक्षत्र के शुभ संयोग बन रहे हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सर्वार्थ सिद्धि योग का संबंध मां लक्ष्मी से है. मान्यता है कि इस योग में किए गए कोई भी कार्य शुभ परिणाम देते हैं. साथ ही कार्यों में सफलता भी मिलती है. साथ ही रवियोग में सभी प्रकार के दोषों से मुक्ति मिलती है. माना जाता है कि इस योग में किए गए कर्य शीघ्र परिणाम देते हैं. 

नवरात्र के दौरान बनेंगे शुभ संयोग-

03 अप्रैल द्वितीय तिथि - सर्वार्थ सिद्धि योग
04 अप्रैल तृतीय तिथि - रवियोग
05 अप्रैल चतुर्थी तिथि - सवार्थ सिद्ध व रवियोग
06 अप्रैल  पंचमी तिथि - रवियोग व सवार्थ सिद्धि योग
07 अप्रैल - षष्ठी तिथि - रवियोग
08 अप्रैल - सप्तमी तिथि - सवार्थ सिद्धि योग
09 अप्रैल - अष्टमी तिथि - रवियोग
10 अप्रैल - राम नवमी - रवियोग व रविपुष्य योग 

अष्टमी पर माता वैष्णों को चढ़ाएं भेंट, प्रसाद पूरी होगी हर मुराद 

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार देखा जाये तो यह सब योग सभी अशुभता को नष्ट करते हुये इन योगों में किये गए कार्यों को शीघ्रता से फलीभूत करते है। 

सवार्थ सिद्धि योग- इस बीच किया गया कोई भी जाप, अनुष्ठान आपको कई गुणा फल प्रदान करता है. किसी विशेष मनोकामना पूर्ति के लिए श्रद्धापूर्वक किया गया कार्य भी सफल होता है. इस योग को परम फलदायी माना जाता है. इस योग में मकान की खरीददारी, वाहन की खरीददारी, सोने चांदी के जेवरात की खरीददारी, मुंडन, गृहप्रवेश आदि शुभ कार्यों के लिए ये योग अत्यंत शुभ माना गया है.

रवियोग- इस योग में सभी अशुभता को नष्ट करने की क्षमता है. इसमें किया गया कार्य शीघ्र फलीभूत होता है. रवि योग के दौरान अगर सूर्य उपासना की जाए, आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ और सूर्य मंत्रों का जाप किया जाए तो इसका विशेष लाभ मिलता है. आपके जीवन से तमाम समस्याओं का अंत होता है. इस बीच अगर कोई विशेष अनुष्ठान किया जाए तो वो सफल होता है.

रविपुष्य योग- रवि पुष्य योग को महायोग भी कहा जाता है. ये रविवार के संयोग से मिलकर बनता है. 10 अप्रैल को राम नवमी के दिन ये विशेष योग बनेगा. इस योग में यदि कोई नया कार्य किया जाए, बिजनेस की शुरुआत की जाए, तो वो कार्य अवश्य सफल होता है. अगर आपकी कुंडली में सूर्य दोष है तो रवि पुष्य योग में सूर्य उपासना करने से काफी लाभ मिलता है.

इस नवरात्रि कराएं कामाख्या बगलामुखी कवच का पाठ व हवन।

राशिअनुसार भोग व मंत्र जप-

मेष- मालपुए का भोग लगाएं, ॐ दुं दुर्गाय नम: का जाप करें। 

वृषभ- रबड़ी का भोग लगाएं और ॐ गौरी नम: का जाप करें।

मिथुन- पपीते का भोग लगाएं और ॐ धात्री नम: का जाप करें।

कर्क- दूध का भोग लगाएं और ॐ जया नम: का जाप करें।

सिंह- अनार का भोग लगाएं और ॐ मंगलाकाली नम: का जाप करें।

कन्या- खीर का भोग लगाएं और ॐ विजया नम: का जाप करें।

तुला- सिंघाड़े का भोग लगाएं और ॐ लक्ष्मीभ्यो नम: का जाप करें।

वृश्चिक- गुड़ की वस्तु का भोग लगाएं और ॐ शिवाय नमः का जाप करें।

धनु- पान का बीड़ा चढ़ाएं और ॐ गजननाये नम: का जाप करें। 

मकर- नारियल भेंट रखें और ॐ मेधायै नम: का जाप करें।

कुंभ- हलवा के भोग लगाएं और ॐ स्वधायै नम: का जाप करें।

मीन- पंचमेवे का भोग लगाएं और ॐ पद्मायै नम: का जाप करें।

ज्योतिषाचार्य पं.सौरभ त्रिपाठी
छिंदवाड़ा मध्यप्रदेश

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