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Brihaspativar Vrat Katha – बृहस्पतिवार गुरुवार व्रत कथा एवं पूजा विधि

myjyotish expert Updated 07 Jul 2021 08:54 PM IST
बृहस्पतिवार (गुरुवार) व्रत कथा एवं पूजा विधि
बृहस्पतिवार (गुरुवार) व्रत कथा एवं पूजा विधि - फोटो : google
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Brihaspativar (बृहस्पतिवार) Vrat Katha (व्रत कथा), Poojan Vidhi And Significance: ज्योतिषशास्त्र के अनुसार गुरुवार को बृहस्पति ग्रह का दिन माना जाता है। सनातन धर्म में विष्णु भगवान को आदि गुरु माना जाता है और गुरुवार का दिन विष्णु का दिन माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के पूजन से घर में आ रही सारी परेशानियां दूर होती हैं। गुरुवार के दिन व्रत से विवाह, संतान आदि सारी समस्या खत्म हो जाती है।

यदि कोई जातक ऐसा है जिसकी कुंडली में बृहस्पति की स्थिति कमजोर नज़र आ रही हो तो इससे व्यक्ति के विवाह या संतान सुख में कष्ट का सामना करना पड़ सकता है। मान्यताओं के अनुसार कई ऐसे उपाय हैं जिनके करने से बृहस्पति देव का प्रकोप से बचा जा सकता है। इन उपायों को अपनाने से लाभ की सिद्धि होती है । आइए जानते हैं क्या हैं ये उपाय।
 

बृहस्पतिवार व्रत पूजा विधि : 


आपको चने की दाल, गुड़, हल्दी, थोड़ा केला और भगवान विष्णु की एक तस्वीर की आवश्यकता होगी। इस दिन आप केले के पेड़ की पूजा भी कर सकते हैं। सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। इसके बाद भगवान की तस्वीर को साफ करें। साथ ही ढेर सारा पानी और हल्दी डालकर भगवान विष्णु को स्नान कराएं।

इसके अलावा, भगवान को स्नान कराने के बाद पीले रंग का कपड़ा रखें क्योंकि यह शुभ माना जाता है। भगवान को पीले चावल चढ़ाएं और मंत्रों और श्लोकों का जाप करें और भगवान की स्तुति के लिए कहानी पढ़ें। पूजा करते समय घी का दीपक भी जलाएं। भगवान की स्तुति करने के लिए मंत्रों का जाप करें। इस दिन आपको बृहस्पति भगवान को कुछ पीले रंग की मिठाई भी अर्पित करनी चाहिए।

साथ ही गुरुवार के दिन पीले रंग के वस्त्र धारण करें और बृहस्पति भगवान की पूजा कर ही भोजन करें। अपना सिर धोने या नमक युक्त भोजन खाने से परहेज करें। कथा सुनकर या पढ़कर व्रत का अंत करना चाहिए। इस दिन केले के पेड़ की पूजा करने के लिए पेड़ के सामने दीपक जलाएं और पेड़ को स्नान और चना दाल और हल्दी भी अर्पित करें. गुरुवार का व्रत कथा अवश्य है और इस दिन पीले रंग के वस्त्र का दान करना चाहिए।



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बृहस्पतिवार को पीले वस्त्र धारण करने से कटेगा दोष


बृहस्पतिवार के दिन पीले वस्त्र के पहनने से आपका दोष कम होगा और भाग्योदय की स्थिति बनेगी। इस दिन ब्राह्मणों को भोजन और दान-दक्षिणा देने से अतिरिक्त लाभ मिलेगा।

 

गुरुवार को हल्दी मिश्रित पानी से नहाना होगा लाभदायी


गुरु प्रकोप को दूर करने के लिए नहाने के पानी में चुटकी भर हल्दी मिलाकर स्नान करते समय "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का उच्चारण करें और माथे पर केसर का तिलक लगाएं। इससे आपको काफी लाभ मिल सकता है।

गुरुवार को उधार देने से होगी हानि


गुरु की स्थिति कमजोर होने पर गुरुवार के दिन किसी को उधार देने से परहेज़ करें। बृहस्पति देव के विशेष आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए इस दिन पीले वस्त्र पर  बृहस्पति देव की प्रतिमा की स्थापना पूरे विधि-विधान से करें और चने की दाल और गुड़ का भोग लगाएं।

बृहस्पतिवार को सत्यनारायण व्रत कथा का पाठ करें


गुरुवार के व्रत के दौरान कथा का पाठ करें और केले के पौधे में जल चढ़ाएं और पूजा-अर्चना करें। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और विष्णु सहस्रनाम के पाठ से विशेष आशीर्वाद की प्राप्ति होती है।

ये व्रत कथा भी पढ़े -

Somvar Vrat Katha Mangalvar Vrat Katha
Budhwar Vrat Katha Brihaspativar Vrat Katha
Shukravar Vrat Katha Shanivar Vrat Katha
Ravivar Vrat Katha  
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