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Home ›   Blogs Hindi ›   Surya Grahan (सूर्य ग्रहण) 2020: Will the June 21 Solar Eclipse be Disastrous ?

सूर्य ग्रहण 2020: क्या 21 जून का सूर्यग्रहण विनाशकारी होगा ?

आर के श्रीधर Updated 21 Jun 2020 09:36 AM IST
सूर्य ग्रहण 21 जून 2020
सूर्य ग्रहण 21 जून 2020
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वर्ष 2020 का प्रथम सूर्यग्रहण 21 जून को पड़ रहा हैl यूँ तो कोई भी ग्रहण अशुभ फल ही देते हैं, लेकिन इस सूर्यग्रहण का असर व्यापक और संवेदनशील होगाl  अपने देश में दिखाई देने के कारण इस ग्रहण का सूतक भी मान्य रहेगाl ज्योतिष में इसे एक आध्यात्मिक खगोलीय घटना के रूप में देखा जाता हैl
 

सूर्य ग्रहण का स्थानीय समय
 

दिल्ली में आंशिक/खण्डग्रास सूर्य ग्रहण: दिनांक : 21/06/2020
ग्रहण प्रारम्भ काल – 10:20:05  समाप्ति काल -  13:48:42
अवधि - 03 घण्टे 28 मिनट्स 36 सेकण्ड्स
सूतक प्रारम्भ – 20 जून को रात्रि 21:53:47 बजे, समाप्त – 21 जून को अपराह्न: 13:48:42 बजे

सूर्यग्रहण और इसके प्रकार

सरल भाषा में कहें तो जब पृथ्वी चंद्रमा व सूर्य एक सीधी रेखा में हों तो उस अवस्था में सूर्य को चांद ढक लेता है जिससे सूर्य का प्रकाश या तो मध्यम पड़ जाता है या फिर अंधेरा छाने लगता है इसी को सूर्य ग्रहण कहा जाता है।
 
पूर्ण सूर्य ग्रहण - जब पूर्णत: अंधेरा छा जाये तो इसका तात्पर्य है कि चंद्रमा ने सूर्य को पूर्ण रूप से ढ़क लिया है इस अवस्था को पूर्ण सूर्यग्रहण कहा जायेगा।
खंड या आंशिक सूर्य ग्रहण - जब चंद्रमा सूर्य को पूर्ण रूप से न ढ़क पाये तो तो इस अवस्था को खंड ग्रहण कहा जाता है। पृथ्वी के अधिकांश हिस्सों में अक्सर खंड सूर्यग्रहण ही देखने को मिलता है।
वलयाकार सूर्य ग्रहण - वहीं यदि चांद सूरज को इस प्रकार ढके की सूर्य वलयाकार दिखाई दे यानि बीच में से ढका हुआ और उसके किनारों से रोशनी का छल्ला बनता हुआ दिखाई दे तो इस प्रकार के ग्रहण को वलयाकार सूर्य ग्रहण कहा जाता है। सूर्यग्रहण की अवधि भी कुछ ही मिनटों के लिये होती है। सूर्य ग्रहण का योग हमेशा अमावस्या के दिन ही बनता है।यह ग्रहण भारत, दक्षिण पूर्व यूरोप एवं पूरे एशिया में देखा जा सकेगा। देहरादून, सिरसा तथा टिहरी कुछ प्रसिद्ध शहर हैं जहाँ पर वलयाकार सूर्यग्रहण दिखाई देगा। आकाशमण्डल में चन्द्रमा की छाया सूर्य के केन्द्र के साथ मिलकर सूर्य के चारों ओर एक वलयाकार आकृति बनायेगी। इस सूर्य ग्रहण की सर्वाधिक लम्बी अवधि 0 मिनट और 38 सेकण्ड की होगी। वहीँ नई दिल्ली, चंडीगढ़, मुम्बई, कोलकाता, हैदराबाद, बंगलौर, लखनऊ, चेन्नई, शिमला, रियाद, अबू धाबी, कराची, बैंकाक तथा काठमांडू आदि कुछ प्रसिद्ध शहर हैं जहाँ से आंशिक सूर्य ग्रहण दिखाई देगा।

ग्रहों की खगोलीय स्थिति

इस दौरान छह ग्रह एक साथ वक्री स्वरुप में होंगेl वक्री होने का मतलब है कि ग्रहों की चाल उल्टी दिशा में चलनाl गुरु, बुध, शुक्र, शनि वक्री रहेंगेl इसके अतिरिक्त राहू-केतु तो हमेशा वक्री गति में ही रहते हैंl गुरु नीच के होंगेl मिथुन राशि और मृगिशरा नक्षत्र में ग्रहण लगेगाl इस समय मिथुन में राहू, बुध, सूर्य और अस्त चन्द्रमा होंगेl इस समय मंगल जलीय राशि मीन में स्थित होकर सूर्य, बुध, चंद्रमा और राहु को देखेंगे जिससे बेहद अशुभ स्थिति तैयार होगीl साथ ही तीन ग्रह स्वराशि में स्थित होंगे - बुध मिथुन में, शुक्र वृषभ में और शनि मकर में रहेंगेl इसका सीधा असर सभी ब्रह्मांडीय तत्वों पर पड़ता हैl  कई दशकों बाद ऐसा संयोग बन रहा हैl
निश्चित रूप से 21 जून को मिथुन राशि में लगने वाला यह सूर्यग्रहण शुभ नहीं हैंl ग्रहण के कारण ग्रहों की ऐसी स्थिति विश्व भर के लिए चिंताजनक मानी जा रही है। वहीं प्राकृतिक आपदाओं के भी संकेत बताए जा रहे हैं, जिसमें तूफान, आंधी और महामारी होने के कारण जनजीवन पर व्यापक प्रभाव पड़ेगाl तीस दिनों के अंदर दो से ज्यादा ग्रहण पड़ रहे हों तो उसकी विध्वंसक क्षमता तीन गुना ज्यादा बढ़ जाती है (5 जून को चंद्र ग्रहण, 21 जून को सूर्य ग्रहण फिर 5 जुलाई को चंद्रग्रहण)l
ये तो तय है कि ग्रहण काल का असर देश-दुनिया के लिए अच्छा नहीं हैl इस दौरान मानव जाति के विरुद्ध घृणित अपराधों में वृद्धि होगीl धार्मिक कट्टरता में वृद्धि होगीl लोग एक दूसरे के खून के प्यासे हो जाएंगेl आवश्यक वस्तुएं महंगी होने के कारण आम लोगों की पहुंच से बाहर हो जाएंगीl रोजगार के अवसर कम होने से भुखमरी की स्थिति पैदा होगीl राष्ट्राध्यक्षों की मति भ्रष्ट होने से दुनिया के युद्ध में उलझने का खतरा बढ़ जाएगाl इन सभी घटनाओं के संकेत अभी से दिखने लगे हैंl ग्रहण काल में बड़े ग्रहों के वक्री होने से अत्यधिक वर्षा, समुद्री चक्रवात, तूफान, महामारी आदि से मानवीय जीवन और धन संपत्ति की भारी हानि होने की आशंका रहती हैl यह ग्रहण ऐसे दिन होने जा रहा है जब उसकी किरणें कर्क रेखा पर सीधी पडेंगी। इस दिन उत्तरी गोलार्ध में सबसे बड़ा दिन और सबसे छोटी रात होती है।

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सूर्य ग्रहण सूतक काल


 वैसे तो हम सामान्य जीवन में भी विभिन्न नियमो का पालन करते है परंतु सूतक के दौरान हमे विशेष सावधान रहने की जरुरत होती हैl इस अशुभ काल में प्रकृति अधिक संवेदनशील हो जाती हैl सूर्य ग्रहण में सूतक का प्रभाव 12 घंटे पहले और चंद्र ग्रहण में सूतक का प्रभाव 9 घंटे पहले शुरू हो जाता हैl

सूर्य ग्रहण क्या सावधानी बरतें:

किसी भी प्रकार के व्यसन से बचेंl यदि तैयार भोजन बचा हो तो पहले से तोड़े गए तुलसी पत्ते को भोजन में डाल देंl आध्यात्मिक कार्यों के लिए सबसे उपयुक्त समय हैl साधक मन्त्र जाप आदि करके समय व्यतीत करें l ग्रहण काल समाप्त होने पर स्नानादि करके यथासंभव दान-पुण्य करेंl सोच पूर्णतः सकारात्मक रखेंl
सामान्य दैनिक कार्य यथावत चलते रहेंगेl सबसे महत्वपूर्ण बात कि गर्वभती महिलाये , बच्चे , वृद्ध और बीमार व्यक्तियों के लिए भोजन लेना , शौचालय जाना , दवाई लेने पर कोई प्रतिबन्ध नहीं हैl

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सूर्यग्रहण के प्रभाव

 समुद्र मंथन से निकले अमृत के बंटवारे से उत्पन्न विवाद आज भी मानव को ग्रहण के रूप में भुगतना पड़ता हैl ग्रहण का काल साधना के लिए श्रेष्ठ समय हैl सकारात्मक रहते हुए प्रभु स्मरण कर समय व्यतीत करने से शांति और समृद्धि मिलती हैl
यूँ तो सारा देश अभी असाधारण परिस्थितियों से गुजर रहा हैl  प्राकृतिक आपदाएं जैसे-आंधी, तूफ़ान, भूकंप आदि चिंता का कारण बने हुए हैं, वहीँ कोविड-19 के कारण संकट और गहरा हो गया हैl  लॉक डाउन के कारण शिक्षा, वाणिज्य-व्यापार सभी ठप हो चुके हैंl  चूँकि ये ग्रहण एक द्विस्वभाव राशि मिथुन में पड़ रहा है, इसिये इसके परिणाम अधिक कष्टकारी होंगेl 
कोरोना वायरस के कारण देश आर्थिक संकट से गुजर रहा है। लोगों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दी गई है, लेकिन बहुत थोड़े लोगों को। ऐसे में ताजा रिपोर्ट और भी चिंताजनक है।एक रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना की वजह से कारोबार बंद होने से देश में 13. 6 करोड़ नौकरियों पर संकट आ सकता हैं। बड़ी संख्या में छंटनी होगी। इसकी सबसे अधिक मार पर्यटन और होटल उद्योग के साथ मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र पर पड़ने की आशंका है।

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कालपुरुष की कुंडली के कर्मभाव में नीच के गुरु और वक्री शनि होने के कारण इस सूर्यग्रहण में गरीबों को अधिक कष्ट होगाl  सबसे ज्यादा खतरा उन लोगों पर मंडरा रहा है, जो नियमित रोजगार में नही और जिन्हें कोई लिखित दस्तावेज नौकरी का नही मिला है। ऐसे लोगों की संख्या 13. 6 करोड़ हैं। ये लोग गैर-कृषि सेक्टर, मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर, गैर-मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में और सेवा क्षेत्र में हैंl 
ज्योतिष पक्ष संकेत देता है कि आने वाले दिनों में कब और कैसे कोरोना संक्रमण समाप्त होगा। 26 दिसंबर, 2019 के सूर्यग्रहण के समय से नकारात्मक परिणाम मिल रहे हैंl  कुछ लोग मानते हैं कि चूंकि परिधावी नामक पिछला संवत्सर शनिवार को शुरू हुआ था, इसलिए इसके राजा शनि और मंत्री सूर्य थे। इनके कारण ही दुनिया को कोरोना वायरस जैसी महामारी से जुझना पड़ रहा है। इस 21 जून के सूर्यग्रहण के बाद ऐसे योग निर्मित होंगे, जिससे कोरोना का संक्रमण खत्म होना शुरू होगा और इसके बाद जुलाई के अंत तक इसका असर क्षीण होने के स्पष्ट संकेत मिलने लगेंगे और सम्भावना है कि कोविड-19 की महामारी के लिए  दवाई/वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगीl इससे एक सकारात्मक वातावरण का निर्माण होगा और लोगों में आत्मविश्वास बढ़ने लगेगाl  फिर धीरे-धीरे अर्थ-व्यवस्था भी पटरी पर लौटने लगेगीl जनजीवन सामान्य होने लग जायेगा और लोग कोविड-19 के साथ जीना सीख लेंगे l

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राशिफल
यह ग्रहण मेष, सिंह, कन्या और मकर राशि वालों के लिए उत्साहजनक परिणाम देगाl  वृषभ, तुला, धनु और कुम्भ राशि वालों के लिए समय चुनौतीपूर्ण रहेगा और मिथुन, कर्क, वृश्चिक और मीन पर सर्वाधिक नकारात्मक परिणाम देंगेl  यानि कुल 4 राशिवालों को ही अधिक लाभ लेने का सुअवसर प्राप्त होगाl  यह राशिफल चन्द्र राशि के हिसाब से बताया गया है, ग्रहण काल साधना के लिए सर्वोत्तम माना जाता हैl  इस ग्रहण के दुष्प्रभाव को रोकने के लिए एक माला प्रतिदिन महामृत्युंजय मन्त्र का नियमित जाप करना चाहिएl
 
महामृत्युंजय मंत्र
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् |
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्
 
यही इस समय का सर्वोत्तम महावाक्य हैl   तुम बस अपने आप से मत हारना फिर तुम्हें कोई नहीं हरा सकता l”

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