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ग्रहण का समय अच्छा नहीं माना जाता है। जिसके कारण बहुत सी मान्यताएं है जो की ग्रहण के समय करने या न करने के लिए कही जाती है। ग्रहण के प्रभाव अशुभ होतें है और क्यूंकि इसमें सूतक काल मान्य है , तो सावधानियां रखना और भी जरुरी हो जाता है। ग्रहण काल में बहुत आवश्यक है की कुछ बातों का ध्यान रखा जाएं।
सूर्य ग्रहण में क्या करें व क्या न करें ?
*ग्रहण को नग्न आखों से बिलकुल भी नहीं देखना चाहिए। ऐसा करने से सूर्य की किरणों से आखों पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
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*ग्रहण को देखने के लिए दूरबीन , टेलिस्कोप या कैमरा का इस्तेमाल करें।
*ग्रहण के समय अन्न - जल ग्रहण नहीं करना चाहिए।
*यह मान्यता बच्चें , बुजुर्ग एवं रोगी पर लागु नहीं होती है।
*ग्रहण काल में घर के अंदर ही रहना चाहिए।
सूर्य ग्रहण के अवसर पर कराएं सामूहिक महामृत्युंजय मंत्रों का जाप - महामृत्युंजय मंदिर , वाराणसी
*ग्रहण का समय शुरू होने से पहले खाने - पीने की चीज़ों में तुसली का पत्ता या दरबा घास डालना चाहिए , इससे ग्रहण के दुष्प्रभावों से बचा जा सकता है।
*ग्रहण के बाद स्नान अवश्य करना चाहिए , इससे ग्रहण की अशुद्धि समाप्त होती है।
*ग्रहण के समय सूर्य देव की उपासना वाले मंत्रों का उच्चारण करना चाहिए।
*गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के समय अधिक ध्यान रखने की आवश्यकता होती है।
*कहा जाता है की ग्रहण के प्रभावों से बचने के लिए गर्भवती महिलाओं को नन्दलाल गोपाल की उपासना करनी चाहिए।
*ग्रहण समाप्त होने तक चूल्हा नहीं जलाना चाहिए , क्यूंकि ग्रहण का समय अशुभ होता है।
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