गुप्त नवरात्रि 2020 : इस माह की 22 तारिक से लेकर 29 तारिक तक चलेगा गुप्त नवरात्रि का त्यौहार। यह पर्व सदैव एक मौसम के समाप्त होकर दूसरे मौसम के स्वागत के बीच ही मनाया जाता है। वर्ष में चार बार नवरात्र का पर्व मनाया जाता है। इन में से दो गुप्त नवरात्र होतें है , जिसमें देवी की आराधना विशेष फल प्राप्ति के लिए की जाती है। अन्य दो नवरात्र में सभी लोगों द्वारा देवी को पूजा जाता है। चैत्र नवरात्र में जिस प्रकार देवी के नौ रूपों की स्तुति होती है , उसी प्रकार गुप्त नवरात्र में देवी के दस महाविद्याओं की उपासना की जाती है। यह वर्ष का वह समय होता है , जहां देवी भक्तों की इच्छाओं को पूर्ण करने हेतु , उनके बिगड़ते कार्य भी बना देती है। इस दौरान मंत्र जाप और दान - पुण्य का विशेष महत्व भी होता है।
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भागवत पुराण के अनुसार गुप्त नवरात्रि में मंत्रों का जाप करना बहुत अहम होता है। इससे भक्तों की समस्त इच्छाएं पूर्ण हो जाती है। उन्हें संतान सुख की प्राप्ति होती है। अत्यंत प्रयासों के बाद भी जो रोग ठीक नहीं हो पा रहे थे ,उनका भी निवारण होता है। घर - परिवार में धन - धान्य की कोई कमी नहीं रहती तथा उनके जीवन से निर्धनता एवं धन का अभाव समाप्त हो जाता है। गुप्त नवरात्रि के समय मंत्रों जाप की शक्ति सर्वोत्तम मानी जाती है। व्यापारिक क्षति और जीवन के विभिन्न उतार चढ़ाव दूर होतें है। मंत्र शब्द का अर्थ मन एवं शक्ति को मिलाकर बना है। मंत्रों के उच्चारण से व्यक्ति का विकास सक्षम हो पता है। गुप्त नवरात्रि विशेष पूजा - पाठ का पर्याप्त समय होता है , जिसमें मंत्रों का उच्चारण करना भी विशेष फल रखता है।
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शास्त्रों के अनुसार मंत्रों का जप व्यक्ति के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण होता है। मंत्रों के जाप से समस्त पापों का नाश होता है। गुप्त नवरात्रि के समय मंत्रों का जाप करने से देवी की अनंत कृपा की प्राप्ति होती है। उनके नौकरी या व्यापर में आ रही बाधाएं समाप्त हो जाती है। शास्त्रों के अनुसार व्यक्ति जितना ध्यान लगाकर मंत्रों का जाप करता है , उसे उतनी ही शक्ति प्राप्त होती है। देवी की शक्ति से भक्त के सभी दुःख , सुख में परिवर्तित हो जातें है। मंत्र का अर्थ होता है मन को किसी प्रकार के तंत्र से जोड़ देना। ऐसा करने से व्यक्ति का मन मजबूत होता है तथा उसकी निर्णय लेने की शक्ति भी कुशल होती है।
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