गुप्त नवरात्रि 2020 : गुप्त नवरात्रि का पर्व विशेष तौर पर गोपनीयता से भगवान की स्तुति का प्रतिक है। माना जाता है की इस दौरान जितनी ही गोपनीयता से पूजन किया जाता है। व्यक्ति को प्राप्त होने वाली शक्ति भी उतनी ही अधिक होती है। यह गुप्त नवरात्रि केवल 8 ही दिनों तक होंगी क्यूंकि इसमें षष्ठी तिथि क्षय होने वाली है। नवरात्र का समय शक्ति की आराधना का सबसे उत्तम समय होता है। इस दौरान देवी से मांगी समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती है। गुप्त नवरात्रि का समय विशेष फल प्राप्ति का समय होता है। इन दिनों भक्तों द्वारा विशेष प्रयास किए जातें है ताकि देवी उनसे प्रसन्न हो सकें , साथ - साथ उन्हें अपनी इच्छानुसार फल की प्राप्ति हो सकें।
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गुप्त नवरात्रि में मंत्रों के जाप का बहुत ही अहम स्थान होता है। माना जाता है की मंत्र जाप में इतनी शक्ति होती है की इससे बड़े से बड़ा दुःख दूर हो सकता है। व्यक्ति के भीतर संतुष्टता का संचार होता है। साथ ही उन्हें किसी बात की कोई फ़िक्र करने की आवश्यकता नहीं होती है। गुप्त नवरात्रि में पूजन के माध्यम से प्राप्त की गई सिद्धि का महत्व प्रकट यानि सामान्य नवरात्रि से बहुत अधिक होता है। शक्ति की दस महाविद्याओं का अपने - अपने स्वरुप में बहुत ही अहम स्थान है। उनके पूजन से व्यक्ति को आजीवन धन की कोई कमी नहीं रहती है। वह जीवन में समस्त कार्य में सफलता हासिल करतें है और कभी भी अपने मार्ग से बटकतें नहीं है। माँ की महिमा भक्तों के लिए बहुत जरुरी होती है। उनके आशीर्वाद से व्यक्ति जो चाहे वो क्षणभर में ही प्राप्त करने के योग्य बन जाता है।
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गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्याओं से जुड़ें मंत्रों का जाप बहुत फलदायी होता है। इन मंत्रों का उच्चारण बहुत धीमे स्वर में किया जाना चाहिए, तभी इसके फल अनुकूल होतें है। इस दौरान छोटी कन्याओं को भोजन कराना भी बहुत लाभ प्रदान करता है। भक्तों द्वारा दुर्गा चालीसा , दुर्गा सप्तशती पाठ एवं माँ दुर्गा के मंत्रों का जाप भी बहुत कुशल परिणाम प्रदान करता है। यदि कोई व्यक्ति की गंभीर रोग से लंबे समय से परेशान चल रहा है और उसे इस परेशानी से निकलने का मार्ग प्राप्त नहीं हो रहा हो। तो केवल एक बार उसे मंत्रों का जापकर अपनी इच्छा ईश्वर के समक्ष प्रकट करनी चाहिए। देवी उसकी कामनाओं की पूर्तिकर , समस्त दुखों से उसकी रक्षा करेंगी।
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