गंगा दशहरा पर कराएं गंगा आरती एवं दीप दान, पूरे होंगे रुके हुए काम-1 जून 2020
गंगा दशहरा के दिन जिन पापों से मुक्ति मिलती है वह है : अन्य व्यक्ति की वस्तु को लेना , हिंसा करना , परस्त्री / परपुरुष को देखना , किसी से कड़वे लिहाज़ में बोलना , झूठ बोलना , व्यक्ति से छुप के उसकी बुराई दूसरों से करना , आपत्तिजनक बातें करना , किसी अन्य के धन को छल से लेना का सोचना , मन में किसी का बुरा करने की सोचना , गलत चीज़ की हठ करना। गंगा दशहरा पर जिन वस्तुओं के दान से मिलती है इन विभिन्न प्रकार के पापों से मुक्ति : खरबूजा , सत्तू , शर्बत , फूल , दीपक , पान का पत्ता , इत्र , हाथ का पंखा , जौ , तिल। यह सभी वस्तुएं पारम्परिक पूजन के बाद माँ गंगा को अर्पण करने से पापों की मुक्ति के साथ - साथ विपदाओं का भी नाश होता है।
गंगा दशहरा पर हरिद्वार गंगा घाट पर कराएँ 10 महादान- पाएँ 10 पापों से मुक्ति - 1 जून 2020
गंगा दशहरा के दिन प्रातः काल उठकर स्नान आदि करना चाहिए। इस दिन माँ गंगा के पूजन के साथ ही उनके मंत्रों का जाप भी करना चाहिए। गंगाजल बहुत पवित्र होता है इससे नकारात्मक शक्तियों का समापन्न होता है तथा ग्रह दोष भी अंत हो जातें है। माँ गंगा महादेव के जटाओं में वास करती है। इसलिए मान्यताओं के अनुसार जो कोई भी माँ गंगा की उपासना करता है उसे शिव शंकर का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। माँ गंगा नकारात्मकता से सदैव अपने भक्तों की रक्षा करती है।
गंगा दशहरा पर 10 दान से पाएं समस्त पापों से छुटकारा