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जानिए भारत के पहले सीडीएस जनरल रावत के जीवन व विमान दुर्घटना का ज्योतिषीय विश्लेषण

My jyotish expert Updated 10 Dec 2021 02:07 PM IST
Bipin Rawat Kundali & Horoscope Analysis
Bipin Rawat Kundali & Horoscope Analysis - फोटो : google
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यह बहुत ही दुःखद है कि भारत के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत अब हमारे बीच नहीं रहे। तमिलनाडु के कुन्नूर में विशेष वीवीआईपी हेलिकॉप्टर IAF Mi17V5 कल दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें उनके साथ जनरल बिपिन रावत के परिवार के सदस्य तथा कर्मचारी मौजूद थे। भारतीय वायुसेना द्वारा भारतीय सशस्त्र बलों के रक्षा प्रमुख तथा उनकी धर्मपत्नी श्रीमती मधुलिका रावत समेत 11 अन्य सदस्यों मृत घोषित कर दिया गया है।  

जनरल विपिन रावत उत्तराखंड के पौड़ी में 1958 में मार्च की 16 तारीख़ को जन्में थे। जनरल रावत के पिता लक्ष्मण सिंह रावत ने भी लेफ्टिनेंट जनरल की डिग्री पर रहते हुए भारतीय सेना की सेवा की और उनकी माँ उत्तराखंड के उत्तरकाशी के पूर्व विधायक की पुत्री थीं। अनुमानित जन्म समय के अनुसार उनकी जन्म कुंडली बनाकर ज्योतिष विश्लेषण किया गया। आइए इस बेहद अप्रिय क्षण में, उनके जीवन पर ज्योतिषीय विश्लेषण के साथ नज़र डालते हैं।

उनकी कुंडली के अनुसार, उनका बुध अपने तटस्थ गुरु के घर में विराजमान है। जिस कारण उन्हें बुद्धि तथा शिक्षण के क्षेत्र में सदैव सफलता मिली और बेहतर विद्यालयों में शिक्षण का सौभाग्य प्राप्त हुआ। सीडीएस बिपिन रावत ने औपचारिक शिक्षा देहरादून के कैम्ब्रियन हॉल स्कूल तथा शिमला के सेंट एडवर्ड स्कूल में प्राप्त की। इसके बाद, राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकवासला और भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून में शामिल हो गए, जहाँ उन्हें स्वॉर्ड मानद से सम्मानित किया गया। जनरल रावत ने डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन और यूनाइटेड स्टेट्स आर्मी स्टाफ एंड कमांड कॉलेज, फोर्ट लीवेनवर्थ, कंसास के सीनियर कमांड कोर्स से भी स्नातक किया। साथ ही, इन्होंने एम.फिल भी किया था। मद्रास विश्वविद्यालय से रक्षा विज्ञान में डिग्री तथा प्रशासन और कंप्यूटर विज्ञान में डिप्लोमा के साथ ही उन्हें पी.एच.डी. की उपाधि से सम्मानित भी किया गया था। सैन्य संसाधनों के सामरिक अध्ययन में अपने शोध हेतु चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ से उन्हें दर्शनशास्त्र में उपाधि प्रदान की गई थी।

उनका मंगल उच्च का होते हुए 05° मकर पर 58′ 06″ रेखांश पर है। मेजर के पद पर रहते हुए सीडीएस बिपिन रावत ने जम्मू और कश्मीर के उरी में एक कंपनी की कमान संभाली। उन्होंने कर्नल के रूप में किबिथू में एलएसी के साथ अपनी बटालियन की कमान संभाली। शनि के घर में मंगल के होने के कारण, ब्रिगेडियर के पद पर पदोन्नत होने के बाद, उन्होंने कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (MONUSCO) में अध्याय VII मिशन के दौरान सोपोर में राष्ट्रीय राइफल्स के सेक्टर पाँच और बहुराष्ट्रीय ब्रिगेड की भी कमान संभाली। उरी में उन्नीसवीं इन्फैंट्री डिवीजन के कमांडिंग जनरल की उन्होंने भूमिका ग्रहण की। लेफ्टिनेंट जनरल के रूप में, उन्होंने पुणे में दक्षिणी सेना की कमान सँभाली। भारतीय सेना के कमांडर के पद पर पदोन्नत होने के पश्चात्, वे दक्षिण कमान के कमांडर जनरल के पद पर आसीन हुए। इस पद पर आसीन होते ही, उन्हें सेना के डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ के पद पर पदोन्नत किया गया था। वर्ष 2016 के दिसम्बर की 17 को भारत सरकार द्वारा थल सेना का सत्ताईसवाँ चीफ ऑफ स्टाफ नियुक्त किया गया। जिसका 31 दिसंबर 2016 को उन्होंने पदभार ग्रहण किया था। आठवें घर में मंगल होने के कारण, 1 जनवरी, 2020 को भारत के पहले सीडीएस का पदभार ग्रहण किया।

जनरल रावत की पत्नी मधुलिका रावत की मृत्यु भी उनके पति बिपिन रावत के साथ हेलिकॉप्टर दुर्घटना में हो गई। उनकी जन्म के विवरण के निश्चित प्रमाण उपलब्ध न हो सके।परन्तु, प्राप्त जानकारी से अनुमानित जन्म कुंडली के अनुसार, उनकी चन्द्र राशि मिथुन व जन्म नक्षत्र पुनर्वसु है। श्रीमती रावत ने डिफेंस वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन में अध्यक्ष के रूप में कार्य किया था। मधुलिका रावत का जन्म मध्य प्रदेश के शहडोल में हुआ था।  मधुलिका जी की स्कूली शिक्षा ग्वालियर, मध्य प्रदेश के सिंधिया कन्या विद्यालय में और दिल्ली विश्वविद्यालय से मनोविज्ञान में स्नातक के माध्यम से पूरी हुई। अनुमानित कुंडली के आधार पर जनरल रावत और उनकी पत्नी की कुंडली में भकूट दोष होने पर भी दोनों का विवाह शुभ था।

उक्त कुंडली के अनुसार, जनरल रावत का गुरु अपने घोर विरोधी ग्रह शुक्र के घर में विराजमान है। सातवें व दसवें घर का शासक ग्रह सात डिग्री पर तुला राशि में 07′ 41″ रेखांश पर पाँचवें घर में विराजित है। नवम्बर के अंतिम समय में ही गुरु की दशा परिवर्तन से उनकी कुंडली में मार्केश का योग बना, मार्केश में जीवन हानि की सम्भावना अधिक होती है। दुर्घटना के दिन उनके उड़ान भरने की दिशा से तमिलनाडु की दिशा की ओर राहु वास था। वर्तमान में सूर्य मंगल वर्ष के स्वामी हैं। गुरु के घर में शनि के होने व लोह निर्मित विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के पश्चात् व्याघात योग के सम्पर्क में आते ही मार्केश योग का प्रभाव उनके जीवन पर भारी पड़ा। जो कि हम सभी देशवासियों के लिए अत्यंत दुःख का क्षण बन गया।
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