संसार में श्राद्ध से बढ़कर कोई दूसरा कल्याणपूर्वक काम नहीं है। अतः मनुष्य को अच्छे से श्राद्ध करना चाहिए । श्राद्ध का महत्व यहां तक है कि श्राद्ध में भोजन करने के बाद जो आजमन किया जाता है तथा पैर धोए जाते हैं उसी से पितृ संतुष्ट हो जाते हैं । ब्रह्म पुराण के अनुसार जो व्यक्ति श्रद्धा से श्राद्ध करता है उसके कुल में कोई भी दुखी नहीं होता।
घर बैठें श्राद्ध माह में कराएं विशेष पूजा, मिलेगा समस्त पूर्वजों का आशीर्वाद
जो व्यक्ति विधि पूर्वक शांत होकर श्राद्ध करता है वह सभी पापों से रहित होकर मुक्ति को प्राप्त होता है। सभी मनुष्य को यशासंभव यतनपूर्वक श्राद्ध करना चाहिए। श्राद्ध अनुष्ठान अपने अनुष्ठाता की आयु को बढ़ा देता है । पुत्रअपने पितरों को श्राद्ध प्रदान कर कुल परंपरा को आगे बढ़ाता है।
पितरों का आशीर्वाद धन-धान्य का अंबार लगा देता है । शरीर में बल पुरुष का संचार करता है । पुष्टि और यश प्रदान करते हुए सभी प्रकार के सुख प्रदान करते हैं । श्राद्ध सांसारिक जीवन को तो सुखी बनाता ही है पर परलोक को भी सुधारता है। श्राद्ध पूजन अंत में मुक्ति प्रदान करता है।
श्राद्ध से संतुष्ट होकर पितृ श्राद्धकर्ता को दीर्घ आयु, संतान सुख , धन, विद्या, राज्य, सुख, स्वर्ग एवं मोक्ष प्रदान करते हैं। जो पुत्र, भाई आदि शत्रु कार्य में संगलन रहते हैं वह निश्चय ही परमगति को प्राप्त होते हैं।
इस पितृ पक्ष गया में कराएं श्राद्ध पूजा, मिलेगी पितृ दोषों से मुक्ति : 01 सितम्बर - 17 सितम्बर 2020
जो श्राद्ध करता है उसे विधि विधान का ज्ञान होता है और अच्छा फल मिलता है।
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