होली रंगों का त्योहार है और हिन्दू धर्म में यह बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. लोग इस त्योहार को बड़े ही धूम-धाम से मनाते हैं और बच्चे से बड़े सभी वर्ग के लोग इसमें भाग लेते हैंI हमारे देश में होली बड़े त्योहारों में से एक है और यह हर साल मार्च के महीने में आता हैI हिन्दू पौराणिक कथाओं के मुताबिक, यह दिन बुराइयों पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाते हैंI यह दो दिनों का त्योहार है जिसमे पहला दिन होलिका जलाई जाती है और दूसरे दिन रंगों से खेला जाता है. कहा जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु के भक्त प्रहलाद अग्नि में से जीवित वापस आए थेI
होली में रंगों की काफी महत्व होती है क्योंकि इसे रंगों त्योहार कहा जाता हैI इसका आगमन वसंत के समय होता है और परंपरागत रूप से होली में इस्तेमाल करने वाले सभी रंग जड़ी-बूटियों से उत्पन्न होती हैI लेकिन आजकल लोग आर्टिफिशियल रंगों का इस्तेमाल करते हैंI तो आइए जानते हैं होली के दिन खेले जाने वाले सभी रंगों का क्या महत्व है और उससे हमें क्या प्रेरणा मिलती हैI
होली के दिन, किए-कराए बुरी नजर आदि से मुक्ति के लिए कराएं कोलकाता में कालीघाट स्थित काली मंदिर में पूजा - 28 मार्च 2021
लाल रंग प्यार और क्षमता का प्रतीक है, हरा रंग नई शुरुआत के लिए होता है, नीला रंग भगवान कृष्ण का प्रतिनिधित्व करता है, वह पीला रंग हल्दी का रंग होता है जिससे कई रोग दूर हो जाते हैंI इस दिन हम सभी बुरे दिन को भूल नए दिनों की शुरुआत करते हैं और प्यार भरे मन से सभी को रंग लगाते हैं. बड़ो का आशीर्वाद लेने के लिए लोग उनके चरणों पर रंग रखते हैंI
हिन्दू धर्म में यह सबसे लोकप्रिय त्यौहार कहा जाता है, इसे 'रंगों का त्योहार', 'प्यार का त्योहार' और 'वसंत का त्योहार' भी कहते हैं I कहा जाता है, यह सर्दियों के अंत का प्रतीक है और वसंत मौसम का भी स्वागत करता हैI इस दिन लोग रंगों के रंग में डूबने के साथ एक दूसरे से मिलकर जश्न मनाते हैं और नए समय का आरम्भ करते हैंI
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