myjyotish

6386786122

   whatsapp

6386786122

Whatsup
  • Login

  • Cart

  • wallet

    Wallet

विज्ञापन
विज्ञापन
Home ›   Blogs Hindi ›   Astrology Ratna in Hindi, Horoscope Stone Benefits, Zodiac Stone

रत्नों को न समझें सिर्फ शौक की वस्तुएं, बदल सकते हैं आपका जीवन !

Myjyotish Expert Updated 07 Feb 2021 12:20 PM IST
Ratn Badlega jeevan
Ratn Badlega jeevan - फोटो : Myjyotish
विज्ञापन
विज्ञापन
लोगों को अक्सर रत्न धारण करने का चाव होता है। कुछ तथाकथित ज्योतिषी भी उनके इस शौक को बढ़ाने में सहायक होते हैं क्योंकि उनका स्वयं रत्न विक्रेताओं के साथ बड़ा घनिष्ठ संबंध होता है। 

मैंने अक्सर यह महसूस किया है कि जब किसी को रत्न धारण नहीं करने का परामर्श देता हूं तो उनमें से कई आश्चर्यचकित तो कई हताश हो जाते हैं। सामान्यतः अनेक ज्योतिषीगण राशियों से जुड़े रत्न, लग्नेश का रत्न, विवाह योग हेतु गुरू-शुक्र के रत्न धारण करने का परामर्श देते हैं। 

वर्तमान में एक फैशन चल पड़ा है जिसमें लग्नेश, पंचमेश व नवमेश के रत्न लॉकेट के रूप में पहने जाते हैं। मेरे अनुसार ऐसा करना अनुचित है। रत्नों के धारण करने के दौरान सावधानी बरतनी चाहिए। किसी भी रत्न को धारण करने से पूर्व उसके अधिपति ग्रह की जन्म कुंडली में स्थिति एवं दूसरे ग्रहों के साथ उसके संबंध का गहन परीक्षण करना चाहिए। फिर चाहे रत्न लग्नेश या किसी राशिपति का ही क्यों ना हों। 

यदि धारण करने पडें एक से अधिक रत्न

यदि किसी को एक से अधिक रत्न धारण करने पड़ें तो यह आवश्यक हो जाता है कि जिस ग्रह रत्न का उपयोग करने जा रहे हैं वह कुंडली में कैसे योग का सृजन कर रहा है या किस ग्रह की अधिष्ठित राशि का स्वामी है। यदि जन्मपत्रिका में एक से अधिक रत्नों के धारण की स्थिति बन रही हो तो जो रत्न वर्जित होते हैं उनका भी पूर्ण ध्यान रखना आवश्यक है। \

गुप्त नवरात्रि पर कराएं सामूहिक 1.25 लाख बगलामुखी मंत्रों का जाप , मिलेगा कर्ज की समस्या से छुटकारा - बगलामुखी मंदिर नलखेड़ा : 12 - 21 फरवरी 2021

ग्रह का करें दान करें, न पहनें रत्न।

पंचधा मैत्री चक्र के अनुसार रत्न धारण करने पर ग्रहमैत्री की मुख्य भूमिका होती है। यह भी एक गलत धारणा है कि रत्न सदैव ग्रह की शांति के लिए ही पहना जाता होगा। वास्तविकता तो यह है की रत्न शुभ ग्रह के बल में वृद्धि करने हेतु धारण किया जाता है। अनिष्ट ग्रह की शांति के लिए उस उपर्युक्त ग्रह के रत्न का दान कर दिया जाता है। 

विद्वान ज्योतिषी की ही सलाह मानें

कुछ रत्न ज़रूरत अनुसार ग्रह शांति के उपरांत कुछ समय के लिए धारण किए जाते हैं। जिनका निर्णय जन्मपत्रिका के परीक्षण के पश्चात किया जाता है। कोई भी रत्न धारण करने से पहले अत्यधिक सावधानी रखें। किसी विद्वान ज्योतिषी से जन्मपत्रिका के गहन परीक्षण के बाद ही आप किसी रत्न को धारण करें नहीं तो शुभ के स्थान पर अनिष्ट हो सकता है। 

यह भी पढ़े :-         

बीमारियों से बचाव के लिए भवन वास्तु के कुछ खास उपाय !

क्यों मनाई जाती हैं कुम्भ संक्रांति ? जानें इससे जुड़ा यह ख़ास तथ्य !

जानिए किस माला के जाप का क्या फल मिलता है

  • 100% Authentic
  • Payment Protection
  • Privacy Protection
  • Help & Support
विज्ञापन
विज्ञापन


फ्री टूल्स

विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms and Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।

Agree
X