ज्योतिष शास्त्र में प्रत्येक ग्रह का उल्लेख किया गया है। प्रत्येक ग्रह का अपना अलग स्वभाव माना गया है और हर ग्रह का व्यक्ति पर अलग प्रभाव पड़ता है। जहां एक ओर ज्योतिष शास्त्र में इन ग्रहों, इनकी विशेषताओं और इनसे जुड़ी शुभ-अशुभ बातों के बारे में बताया गया है वहीं दूसरी ओर इनके बुरे प्रभाव को कम करने और अच्छे प्रभाव को बढ़ाने के विषय में भी चर्चा की गई है। क्या आपको पता है आपकी रोजमर्रा कि ज़िन्दगी में आप कई ऐसे कार्य करते हैं जिसके जाने-अंजाने में आपके जीवन पर काफ़ी असर होता है?
आपके किए गए छोटे-छोटे काम और आपकी छोटी-छोटी आदतें आपके ग्रहों की स्थिति को बदल सकती है और आपके जीवन में बड़े-बड़े परिवर्तन ला सकती हैं। अगर आप अपने जीवन में सुख-शांति चाहते हैं तो प्रयास करें की ये नवग्रह सदा आपके हित में रहें। अपितु ये होगा कैसे? इसके लिए आप कुछ सरल उपायों का उपयोग कर सकते हैं। इनकी मदद से आप ग्रहों को दुष्प्रभाव कम कर सकते हैं और साथ ही उनकी कृपा हासिल कर सकते हैं। तो आइए जानते हैं कौन से हैं वो उपाय।
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- अगर आपके घर में पौधे हों तो उन्हें प्रातः उठने के बाद पानी अवश्य दें। सूखे हुए पौधे अशुभ परिणाम लाते हैं। यदि आप रोज़ाना सुबह पौधों को पानी देते हैं और उनका अच्छे से ख्याल रखते हैं तो इससे आपकी कुंडली में सूर्य, चंद्र, बुध और शुक्र ग्रह का प्रभाव अच्छा होता है।
- कभी भी खाना खाने के पश्चात जूठे बर्तन को वहीं ना छोड़ें। भोजन खत्म करने के बाद तुरंत ही उसे वहां से उठा लें या हो सके तो तुरंत ही उसे साफ करके वापस अपने स्थान पर रख दें। साथ ही सोने से पहले सभी जूठे बर्तन साफ करके ही सोएं। ऐसा करने से शनि और चंद्रमा की स्थिति में सुधार आता है।
- अपने रसोईघर को हमेशा साफ-सुथरा और स्वच्छ करके रखें। ऐसा माना जाता है कि यदि आपका रसोईघर गंदा है तो इससे मंगल का दोष उत्पन्न होता है। इसलिए ऐसा करने आपके मंगल के लिए ठीक नहीं है। दूसरी ओर अगर आप रसोईघर हमेशा साफ और स्वच्छ रखते हैं तो मंगल आपके हित में कार्य करता है।
- कभी भी रात्रि में देर तक ना जागा करें। कहते हैं कि ऐसा करने से चंद्रमा की स्थिति खराब होती है। हमारे वेद-पुराणों में भी लिखा गया है कि रात में जल्दी सोकर प्रातः जल्दी उठना चाहिए। स्वास्थय की दृष्टि से भी ये फायदेमंद होता है।
- अपने कदम हमेशा उठाकर आगे बढ़ाया करें। जिस व्यक्ति को अपने पैर घसीटकर चलने की आदत होती है उनकी कुंडली में राहु अशुभ फल देता है। राहु के दुष्प्रभाव को बेहद ही बुरा माना जाता है इसलिए कोशिश करें की ऐसा ना करें।
- इसके अलावा यदि आपको चीखने-चिल्लाने की आदत हो तो इससे भी परहेज करें। ऐसा करने से आपको शनि का दुष्प्रभाव सहना पड़ सकता है। अगर आप इससे बचना चाहते हैं तो अपनी वाणी में विनम्रता लेकर आएं।
- कभी किसी को अपशब्द नहीं बोलना चाहिए। दूसरों को बुरा बोलने से उनसे ज़्यादा आपका ही नुकसान होता है। अगर आप किसी को बुरा-भला बोलते हैं और उन्हें गालियां देते हैं तो इससे बुध और गुरु की स्थिति खराब होती है। इसके कारण आपको बुढ़ापे में रोग होने के संभावना उत्पन्न होती है।
- कोई भी व्यक्ति यदि बाहर से आता है तो उसे साफ पानी दें। इससे राहु का प्रभाव अच्छा होता है। यदि आपकी कुंडली में राहु खराब है तब तो ये अवश्य करें। ऐसा करने से राहु का बुरा प्रभाव हो तो वो कम होता है।
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