- चावल जिसमें हल्दी या कुमकुम मिली हो
- आरती थाली, ताजे फूल, पंचामृत (दूध, दही, घी, चीनी और शहद का मिश्रण)
- 9 प्रकार के फल, विभिन्न रंगों के 9 कपड़े के टुकड़े
- पान के पत्ते, 2 दीये (तेल के दीपक, अगरबत्ती, 9 जनेऊ, मौली, चंदन, हल्दी, कुमकुम, तुलसी के पत्ते, 10 सुपारी , गंगाजल, इट्रा (गंध), कलश, नारियल, पूजा की थाली, जलपात्र
- अलग-अलग रंगों के 9 मिठाई , 9 ग्रहों का चित्र , नवग्रह यंत्र, हवन समिधा की छड़ें
- छोटे गोबर के कंडे, आम की छड़ें, हवन सामग्री, नवग्रह की छड़ें, कपूर की छड़ें, नवग्रह पूजा विधान मंत्र का सही तरीके से पाठ करना होता है।
- यदि पूजा पूरी सामग्री के साथ नवग्रह पूजा की जाए तो सबसे अच्छा परिणाम प्राप्त होता है |
नए वर्ष की करें शुभ शुरुआत, समस्त ग्रह दोषों को समाप्त करने हेतु कराएं नवग्रह पूजन - नवग्रह मंदिर, उज्जैन
नवग्रह पूजा विधि
- पूजा का सबसे पहला कार्य होता है कलश की स्थापना | कलश स्थापना का नवग्रह की पूजा में बहुत महत्व है |
- पूजा शुरू करने से पहले नवग्रहों या नौ ग्रहों का आह्वान करें ।
- अपने दाहिनी हथेली पर पल्ली के साथ थोड़ा पानी ले और सभी ग्रहों के बीज मंत्र का जाप करें और उसके बाद पूजा का पूरे मन में विश्वास और श्रद्धा से संकल्प ले |
- संकल्प लेने के बाद सबसे पहले पूजा की जायगी | उसके बाद नवग्रह यंत्र की पूजा की जाएगी।
- कलश में प्रमुख देवताओं की प्रार्थना की जाती है और सभी नौ ग्रहों के मंत्रों का जाप किया जाता है।
- ग्रहों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए यज्ञ का आयोजन किया जाता है।
- पूजा समाप्त करने के लिए पुष्पांजलि के साथ एक आरती की जाती है
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