myjyotish

6386786122

   whatsapp

6386786122

Whatsup
  • Login

  • Cart

  • wallet

    Wallet

विज्ञापन
विज्ञापन
Home ›   Blogs Hindi ›   Life Partner Character Prediction Astrology

ज्योतिष विद्या से जानें जीवनसाथी का चरित्र

Myjyotish Expert Updated 20 Feb 2021 03:41 PM IST
Astrology
Astrology - फोटो : Myjyotish
विज्ञापन
विज्ञापन
एक आदमी के जन्म के बाद, शादी को उसके जीवन की दूसरी सबसे बड़ी घटना माना जाता है। शादी के बाद जीवन में सब कुछ बदल जाता है। हर कोई, चाहे वह पुरुष हो या महिला, अपने जीवनसाथी का चरित्र बहुत अच्छा चाहता है। वह चाहता हैं कि उसे एक पतिव्रता पत्नी मिले जो उसके अलावा अन्य पुरुष के बारे में स्वप्न में भी विचार न करें |

हालाँकि, जीवन इतना सरल नहीं है। जीवन में, हमारी इच्छा के अनुसार या जैसा हम चाहते हैं वैसा ही सब कुछ घटित हो ऐसा जरूरी नहीं हैं|कई बार ऐसा देखने को मिलता  है कि लोग बहुत ही योजनाबद्ध तरीके से शादी करते हैं लेकिन शादी के बाद उन्हें पछतावा होता है कि उन्होंने शादी क्यो की|हमारे इस समस्या का समाधान हमें ज्योतिषशास्त्र में मिल सकता हैं|

अब हमारे समक्ष यह प्रश्न हैं कि “भविष्य के जीवन साथी के चरित्र की भविष्यवाणी में ज्योतिषीय कुंडली कैसे मदद करती है”? इस विषय पर ज्योतिषशास्त्र बहुत स्पष्ट है। आइये कुछ महत्वपूर्ण बिन्दुओं कि मदद से हम इस बात को समझने का प्रयत्न करते हैं:-

ज्योतिष के अनुसार, कुंडली में पहला स्थान व्यक्ति के स्वयं के व्यक्तित्व का प्रतिनिधित्व करता है और सातवां स्थान जीवन साथी का है।सातवें घर में चंद्रमा की उपस्थिति से पता चलता है कि आपके जीवनसाथी का अन्य के साथ भी संबंध होंगे।

पुरुष की कुंडली में शुक्र ग्रह उसकी पत्नी का कारक होता है जबकि स्त्री की कुंडली में बृहस्पति उसके पति का कारक होता है।इसी तरह, यदि मंगल सातवें घर में है, तो यह काफी संभव है कि आपकी पत्नी का चरित्र सही नहीं होगा|

बृहस्पति जीवन साथी के चरित्र को अच्छा बनाता है। कुंडली में, यदि बृहस्पति की दृष्टि आरोही(लग्न) पर है, दूसरे शब्दों में, बृहस्पति पांचवें, सातवें या नौवें स्थान पर है तो जीवन साथी का चरित्र बहुत अच्छा रहता है, भले ही आरोही में मंगल हो । हम कह सकते हैं कि केवल बृहस्पति की दृष्टि ही व्यक्ति को संस्कारी बनाने के लिए पर्याप्त है।

कुंडली के छठे, आठवें और बारहवें भावों के स्वामी ग्रहों का प्रभाव सप्तम भाव पर नहीं होना चाहिए। ज्योतिषीय कुंडली के सातवें स्थान पर प्रत्येक और हर राशि की उपस्थिति और ग्रहों का महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है।

गुप्त नवरात्रि की अष्टमी पर कराएं दुर्गा सप्तशती पाठ, मिलेगा समस्त परेशानियों से छुटकारा - 20 फरवरी 2021

कुंडली में सुन्दर पत्नी के योग

हर पुरुष चाहता है कि उसकी पत्नी सुंदर, आकर्षक, प्यारी और अच्छी स्वभाव की हो। किसी महिला की सुंदरता और व्यक्तित्व को चंद्रमा, शुक्र और मंगल के माध्यम से जाना जाता है। इन ग्रहों की स्थिति के माध्यम से एक महिला के व्यवहार, स्वभाव और गुणों का भी विश्लेषण किया जाता है।

ज्योतिषशास्त्र में सुंदरता और कोमलता से संबंधित कोई भी चीज हमेशा इन ही तीनों ग्रहों से जुड़ी होती है|ये तीनों ग्रह बहुत मधुर और कोमल हैं। जीवनसाथी का योग हमेशा 7 वें घर और शुक्र द्वारा इंगित किया जाता है।

इसलिए, जब शुक्र 7 वें घर में आता है तो एक सुंदर जीवनसाथी का संकेत देता है, लेकिन इसकी हमेशा गारंटी नहीं होती है। आइये हम यह जानने का प्रयास करते हैं कि सुंदर पत्नी कि प्राप्ति के लिए जातक को क्या जतन करनी चाहिए:-

ॐ द्रां द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्रय: नम:

जैसा कि हम जानते हैं कि मनचाहा जीवनसाथी कि प्राप्ति के लिए हमारी कुंडली में शुक्र ग्रह का मजबूत होना अवश्यक होता हैं| यदि जातक कि कुंडली में ऐसे योग ना हो,तो उसे दिये हुए मंत्र का नियमित १०८ माला जाप करनी चाहिए| ऐसा करने से कुंडली में शुक्र कि दशा सही होती हैं और जातक को सुंदर पत्नी कि प्राप्ति होती हैं|
सर्वबाधाप्रशमन: त्रैलोक्यालिलेश्वरी एवमेव त्वय: कार्यमस्मद्वैरिविनाशनम:-

अपने मन में बसाये हुए छवि कि तरह जीवनसंगिनी पाने के लिए पुरुषों को नवदुर्गा यंत्र कि पुजा करनी चाहिए| उपयुक्त मंत्र का ४० दिनो तक अनवरत पाठ करने से कुंडली में यदि यदि आरोही विषम है साथ ही चंद्रमा और मंगल भी विषम है तो इन ग्रहों कि स्थिति माँ दुर्गा कि कृपा से अनुकूल हो जाती हैं| इस मंत्र के प्रभाव से आपको सुंदर जीवनसंगिनी का साथ प्राप्त होता हैं|

कुंडली से स्त्री का चरित्र कैसे जानें

ज्योतिषीय कुंडली के प्रत्येक स्थान पर प्रत्येक राशि की उपस्थिति और ग्रहों का महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। कुंडली के अध्ययन से हम किसी स्त्री का चरित्र कैसा होगा यह जान सकते हैं|आइए जानते हैं कुछ ग्रह स्थितियों, जो स्त्रीके अच्छे चरित्र के लिए जवाबदेह हैं: –

बृहस्पति की दृष्टि के अभाव में, यदि लग्न का स्वामी अपनी ही राशि में है, तो जीवनसाथी अच्छे चरित्र वाला होता है। उसे एक चरित्रवान पत्नी मिलती है।

यह भी पढ़े :-         

बीमारियों से बचाव के लिए भवन वास्तु के कुछ खास उपाय !

क्यों मनाई जाती हैं कुम्भ संक्रांति ? जानें इससे जुड़ा यह ख़ास तथ्य !

जानिए किस माला के जाप का क्या फल मिलता है

  • 100% Authentic
  • Payment Protection
  • Privacy Protection
  • Help & Support
विज्ञापन
विज्ञापन


फ्री टूल्स

विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms and Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।

Agree
X